Jabalpur News : मध्यप्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल में पदस्थ नर्सें 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चली गई है। नर्सों के स्ट्राइक पर जानें मेडिकल,जिला अस्पताल और एल्गिन में स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प हो गई है। जबलपुर लेडी एल्गिन अस्पताल में भी गर्भवती महिलाएं इलाज को परेशान हो रही है। महाकौशल की सबसे बड़ी लेडी एल्गिन अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज अभी सिर्फ 2 संविदा नर्सों के भरोसे हो रहा है।
स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से लड़खड़ाई
लेडी एल्गिन अस्पताल के वार्ड में जच्चा और बच्चा भगवान भरोसे है। वही नर्सों के बैठने की कुर्सियां खाली पड़ी हुई थी, नर्सों के बैठने वाले रूम में ताला लगा हुआ था। एक प्रसूता से जब हमने बात की तो उनका कहना था कि नर्सों के ना होंने से बहुत परेशानी हो रही है, कौन सी दवा कब खाना है, कैसे खाना है यह बताने वाला कोई नही है। संविदा नर्स जो है वह कभी- कभी ही आती है, अभी यहां पर तो सब कुछ भगवान भरोसे चल रहा है। लेडी एल्गिन अस्पताल में अभी 110 महिलाएं भर्ती है जिनका इलाज करने के लिए सिर्फ दो संविदा नर्स अभी उपलब्ध है।
HNCU में अभी 27 नवजात बच्चें भर्ती है, जिसमें दो कि हालत नाजुक बनी हुई है। HNCU में अभी दो संविदा नर्सों को पदस्थ किया गया है, जो कि बच्चों की देखरेख कर रही है। दो दिनों से नर्सों की हड़ताल के कारण नवजात बच्चों के इलाज में भी परेशानी हो रही है। जबलपुर लेडी एल्गिन अस्पताल में अभी 110 महिलाएं भर्ती है जिनके इलाज के लिए सिर्फ 8 संविदा नर्स तैनात है। संविदा नर्सों के काम करने कि शिफ्ट भी चेंज की गई है। 8 घंटे की जगह 12- 12 घंटे नर्स काम कर रही है। जबलपुर लेडी एल्गिन अस्पताल में रोजाना 50 से अधिक डिलेवरी होतीं है, जबकि 200 से अधिक महिलाओं का ओपीडी इलाज होता है।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट