Jabalpur News : 10 दिन बाद जिंदगी की जंग हारी वेदिका, परिजनों की मांग आरोपी को फांसी दो

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Jabalpur News : जबलपुर निजी अस्पताल में भर्ती एमबीए छात्रा वेदिका ठाकुर की सोमवार की सुबह करीब 11:30 बजे मौत हों गई। वेदिका का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। 16 जून को भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा ने अपने आफिस में वेदिका को बिना लायसेंसी पिस्टल से ना सिर्फ गोली मारी बल्कि उसे घायल अवस्था में लेकर 6 घंटे तक यहां-वहां घूमता रहा, इस दौरान प्रियांश ने कई निजी अस्पताल में इलाज करवाया, शाम 6 बजे प्रियांश दमोहनाका स्थित अस्पताल में वेदिका को छोड़कर भाग गया। वेदिका की मौत के बाद पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए शव को मेडिकल कालेज़ भिजवाया। वेदिका के परिजनों की मांग है कि प्रियांश विश्वकर्मा को फांसी की सजा मिलें, जो कि ऐसे आरोपियों के लिए एक सीख रहेगी, जिससे कि कल और कोई प्रियांश किसी वेदिका की दर्दनाक हत्या ना कर सके। वेदिका के चाचा अशोक ठाकुर ने बताया कि घटना के बाद उसकी हालत में सुधार आया था, पर पीठ में गोली फंसी रहने से धीरे-धीरे उसका जहर फैलता गया और उसकी हालत नाजुक हों गई। वेदिका का पेट का आपरेशन भी किया गया था। शनिवार को डाक्टरों ने वेदिका की बिगड़ती हालत को देखतें हुए उसे वेंटिलेटर में शिफ्ट कर दिया।

भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा के हाथों गोली लगने के बाद से लगतार वेदिका के शरीर से ब्लड निकल रहा था। प्रियांश ने पहले तो बाइपास स्थित एक निजी अस्पताल में उसका ईसीजी करवाया, पट्टी करवाई, इसके बाद आईटीआई के पास एक अस्पताल ले गया पर जब वहां भी उसकी हालत में सुधार नही आया तो दमोहनाका अस्पताल में वेदिका को भर्ती करवाकर फरार हों गया। वेदिका को अस्पताल में दाखिल कर प्रियांश अपने संजीवनी नगर स्थित दफ्तर गया, वहां लगें सीसीटीवी-डीवीआर निकाला और फिर फरार हों गया। गोलीकांड को अंजाम देनें के बाद पुलिस की कई टीम उसे तलाश कर रही थी। 19 जून की दोपहर भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा भाजपा लगी काली स्कार्पियो से धनवंतरी नगर पुलिस चौकी अपने समर्थकों के साथ पहुंचा और सरेंडर कर दिया।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”