Jabalpur News : जबलपुर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है, जहां सिविल लाइन स्थित HDFC बैंक मैनेजर की शिकायत पर पुलिस ने नकली जेवर रखकर फांइनेंस करवाने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार भी किया है जबकि अन्य की तलाश जारी है। फिलहाल, दोनों से पुछताछ की जा रही है। आइए जानते हैं पूरा मामला…
CSP ने कही ये बात
मामले में CSP पंकज मिश्रा ने बताया कि मैनेजर विक्रम सिंह चौहान ने शिकायत की थी कि साल 2022 में गोल्ड लोन के एवज में मनोज कुमार पटेल निवासी न्यूरामनगर, चितरंजन वार्ड, गोहलपुर अमखेरा को 19 लाख 48 हजार रुपए और राहुल यादव निवासी गणेश क्लासेस, गणेश नगर, कछपुरा जबलपुर को 2 लाख 74 हजार 400 रूपए HDFC बैंक शाखा सिविल लाईन से दिए गए थे। कुछ दिन पहले सीआईसी विभाग के परीक्षक अजय कुमार सोनी द्वारा आडिट के दौरान स्वर्ण आभूषणों की शुद्धता चैक की गई। इस दौरान जेवर नकली पाए गए। जिसके बाद दोनों ग्राहकों को नोटिस भेजकर उन आभूषणों की जांच के लिए बुलाया गया, लेकिन वह नहीं आए।
जांच में आभूषण पाए गए नकली
फिर शक के आधार पर कुछ अन्य ग्राहकों के भी आभूषणों की जांच की गई तो वह भी नकली पाए गए। बैंक द्वारा मामले की जांच की गई तो पता चला कि उपपरीक्षक सत्य प्रकाश सोनी ने उन आभूषणों का परिक्षण किया था। बैंक द्वारा सिविल लाइन, अधारताल, रांझी, धनवंतरी नगर एवं तिलहरी की शाखाओं की जांच की गई, तो कुल 83 ऋण, जिसकी कुल राशि 1 करोड 99 लाख 76 हजार रूपए नकली पाया गया। पूछताछ करने पर बैंक अधिकारियों को सत्यप्रकाश सोनी ने जांच के दौरान चूक होना बताया है।
अन्य की तलाश जारी
वहीं, बैंक अधिकारियों द्वारा ग्राहकों से पूछताछ करने पर मनोज कुमार पटेल, विवेक कुमार झारिया व गौरव कुमार रंजन ने मौखिक व लिखित रूप से यह बताया कि उनके परिचित 33 वर्षीय अंकित सैनी, पंकज विश्वकर्मा और शुभम साहू ने उन्हें 2-3 हजार रुपये देने का वादा कर उनके नामों से ऋण करवाया था। जिसे पाने के लिए जो सोने के आभूषण दिए गए थे, वह भी उन्हीं लोगों द्वारा उपलब्ध करवाए गए थे। फिलहाल, पुलिस ने मामले की शिकायत मिलते ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
संदीप कुमार, जबलपुर