जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर में एक बार फिर आवारा कुत्तों का आतंक देखा गया जहाँ घर के बाहर खेल रही डेढ़ साल की मासूम को कुत्तों ने नोंच डाला। माँ ने जब बच्ची की चीख सुनी तो उसके पास दौड़ी और फिर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। लेकिन इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई। बच्ची की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
सरकारी तंत्र से परिजन नाराज
कठोन्दा गाँव मे हुई बच्ची की मौत के बाद मासूम के माता-पिता सरकारी तंत्र को लेकर काफी नाराज हैं। इसकी वजह यह है कि कठौंदा में मृत पशुओं का चमड़ा उतारा जाता है और इसी वजह से यहां के कुत्ते हिंसक हो गए है। शुक्रवार को घायल हुई बच्ची का शनिवार को डॉक्टरों ने ऑपरेशन भी किया। लेकिन आखिरकार आज बच्ची ने दम तोड़ दिया, बच्ची के नाराज माता-पिता ने आरोप लगाया कि नगर निगम शहर भर के कुत्तों को लाकर कठौंदा में छोड़ रहा है।
मासूम के माता-पिता करते हैं मजदूरी
जानकारी के मुताबिक कठौंदा निवासी सुशील श्रीवास्तव मजदूरी करते हैं, वह शुक्रवार सुबह काम पर चले गए थे। घर पर पत्नी वर्षा श्रीवास्तव और उसके दोनों बच्चे तीन साल का बेटा विवेक और डेढ़ साल की बेटी दीपाली उर्फ गुड़िया थी। पुलिस के मुताबिक वर्षा घर के काम में लगी थी। घर के सामने दोनों बच्चे खेल रहे थे, तभी कुत्तों का झुंड मासूम पर टूट पड़ा।
नोंच कर लहूलुहान कर दिया मासूम को
पांच-छह की संख्या में कुत्तों ने मासूम दीपाली पर हमला कर दिया। मासूम चीखती रही और कुत्ते उसे नोंचते रहे। चीख सुनकर मां वर्षा दौड़ कर बाहर आई और कुत्तों को भगाया लेकिन तब तक कुत्ते बच्ची को बुरी तरह से नोंच चुके थे। घायल हालत में परिजन बच्ची को मेडिकल कालेज लेकर पहुँचे जहा दो दिन तक चले इलाज के बाद आखिर आज बच्ची ने दम तोड़ दिया।
नगर निगम पर लगाया आरोप
बच्ची के पिता सुशील ने बताया कि उसकी दो संतान एक बेटा व बेटी थी। आर्थिक तंगी के बावजूद परिवार खुश था, लेकिन इस हृदय विदारक घटना ने परिवार को तोड़ कर रख दिया है। सुशील ने निगम पर नाराजगी जताते हुए कहा कि नगर निगम शहर भर के आवारा कुत्तों को कठौंदा में लाकर नसबंदी करके वहीं छोड़ देता है।