भोपाल।
किसानों को घोटाला करने वालों को लेकर कमलनाथ सरकार सख्त हो चली है।जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत प्रदेश में फर्जी ऋण प्रकरणों में दोषी पाये जाने वाले व्यक्तियों पर तत्परता से वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। इसी के चलते सागर और कटनी में दो प्रबंधकों के ख़िलाफ FIR दर्ज की गई है।बताते चले कि दावोस से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया था कि किसानों के नाम पर फर्जी प्रकरण बनाकर फसल ऋण राशि दर्ज करने वाले दोषियों के खिलाफ कठोर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।वही कार्रवाई के बाद से ही बैंकों के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल, कटनी जिले में जरवाही समिति प्रबंधक लक्ष्मीकांत दुबे के विरुद्ध फर्जी ऋण प्रकरण में माधव नगर थाने में सहकारी निरीक्षक गीतेश मेहरा द्वारा आईपीसी की धारा 420, 409, 201 तथा 120 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गई है। वही सागर जिले में जिला सहकार केन्द्रीय बैंक की गौरझामर शाखा से संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटी में फर्जी ऋण प्रकरण पाये जाने पर सोसायटी प्रबंधक, शाखा प्रबंधक तथा सोसायटी अध्यक्ष को दोषी करार दिया गया है। इन दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता-1860 की धाराओं के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करवाई गई है। यहां एक मृत किसान मुकुंदी आदिवासी के नाम पर लोन निकाला गया था। मुकुंदी सरदई गांव का रहने वाला था। 23 जनवरी को सागर में हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी।
बताया जा रहा है कि कटनी जिले के ग्राम गैतरा निवासी कृषक छोटे लाल ने कलेक्टर को शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया था। कृषक ने जानकारी दी थी कि जय किसान फसल ऋण माफी योजना में ग्राम पंचायत में चस्पा की गयी हरी सूची में 4 लाख 39 हजार 222 रुपये 54 पैसे का कर्ज आवेदक के ऋण खाते में दिखाया गया है। यह पूर्णत: गलत है, क्योंकि आवेदक समस्त ऋण 31 मार्च, 2018 के पूर्व चुकता कर चुका है। आवेदन पर कलेक्टर द्वारा जाँच कराये जाने पर ऋण मामला फर्जी पाया गया।जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।