जबलपुर। मध्य प्रदेश में मीसाबंदी पेंशन रोके जाने पर सियासत तेज हो गई है। कमलनाथ सरकार ने बुधवार को आदेश जारी किया है। इसके अनुसार पेंशन को रोका नहीं जाएगा लेकिन पेंशन लेने वाली मीसंबंदियों की पहले अफसर जांच करेंगे। सरकार के इस कदम को पूर्व सीएम शिवराज ने यू टर्न बताया। इस पर कांग्रेस सरकार के दो मंत्रियों ने शिवराज पर बड़ा हमला बोला है। सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया ने कहा कि मध्यप्रदेश की सत्ता छिनने के बाद शिवराज की मानसिक स्थिति बिगड़ गई है और वो बेवजह के ट्वीट कर रहे हैं।
उन्होंने शिवराज पर हमला करते हुए कहा कि शिवराज इतने खाली बैठे हैं कि 15 सालों के भाजपा राज की बजाए 15 दिनों की कांग्रेस सरकार के कामों में मीन-मेख निकाल रहे हैं। लखन ने कहा कि कांग्रेस कभी यू टर्न नहीं लेती जो मीसाबंदी पेंशन पाने वालों की जांच करवा कर रहेगी। वहीं, वित्त मंत्री ने भी शिवराज को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अगर बीजेपी किसान कर्जमाफी को खैरात मानती है तो शिवराज बताएं कि मध्यप्रदेश में मीसाबंदियों को दी जा रही पेंशन क्या थी। वित्त मंत्री तरुण ने भनोत ने कहा कि ये सवाल पर पूर्व सीएम शिवराज से मिलकर भी ज़रुर पूछेंगें।
गौरतलब है कि शिवराज सरकार ने आपातकाल में जेल गए मीसाबंदियों को पेंशन देने की शुरूआत की थी। इसको सम्मान राशि के तौर पर दिया जाता था। कांग्रेस ने सरकार में आते ही इस पेंशन को रोके जाने के आदेश दिए थे। सरकार ने कहा था कि वह जांच करवाएगी कि मीसाबंदी की पेंशन सही लोगों को मिल रही है या नहीं। कांग्रेस का आरोप है कि शिवराज ने संघ और बीजेपी से जुड़ लोगों को लाभ दिलाने के लिए इस पेंशन में शमिल किया। बता दें शिवराज सरकार 25 हजार रुपए महीना मीसाबंदियों को दी जा रही थी।