जबलपुर| सीबीआई जाॅच के दायरे मे फंसे जीसीएफ फैक्ट्री के जूनियर वर्कर्स मैनेजर एस सी खाटूआ हत्याकांड मामले मे बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सीबीआई छापे मे खाटूआ के निवास और दफ्तर से कई प्राइवेट एजेंसियो के नाम मिले थे जिनके दलाल लगातार खाटूओ के संपर्क मे थे। 10 जनवरी को सीबीआई ने खाटूआ के निवास पर छापेमारी की थी जिसके बाद 17 जनवरी से खाटूआ लापता हुआ था और 5 फरवरी को उनकी लाष पाटबाबा के जंगलो मे मिली थी। इस हाईप्रोफाइल मामले मे दलालो के नाम सामने आ जाने से अब कई सवाल खड़े हो रहे है।
पुलिस दस्तावेजो के आधार पर एक दलाल पर नज़र बनाए हुए है जो लगातार खाटूआ के संपर्क मे था। पुलिस अधीक्षक ने एक और खुलासा करते हुए बताया कि चूकिं खाटूाअ लंबे समय से जीसीएफ फैक्ट्री के प्रोविजन सैक्षन मे पदस्थ थे इस वजह से न केवल धनुष तोप की खरीदी बल्कि सेना को सप्लाई होेने वाले अन्य उपकरणो की खरीदी मे कई प्राइवेट एजेंसिया जूनियर वकर््स मैनेजर सुरेष चंद्र खाटूआ से संपर्क बनाई हुई थी। अब ये सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या दलालो के चंगुल मे खाटूआ फंसे हुए थे? पुलिस अब तमाम पहलूओ पर जाॅच की बात कह रही है।