जबलपुर,संदीप कुमार। कृषि कानून रद्द करने को लेकर किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर विगत 10 माह से धरने पर बैठे है,जहा इस मसले पर किसान संगठनो और भारत सरकार के बीच कृषि कानून को लेकर कई दौर की बातचीत बेनतीजा निकली जिसको लेकर लगातार किसान संगठन धरने पर बैठे हुए है। सरकार और किसान मोर्चा की कृषि कानूनों को लेकर सभी वार्ता विफल होने के बाद अब धरने पर बैठे किसान संगठन कृषि कानूनों को वापिस लेने पूरे भारत मे 27 सितंबर को लेकर बंद का आह्वाहन किया है,जबलपुर में भी किसान संघठन ने कृषि कानून के विरोध में बंद के आह्वाहन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है इसी क्रम में दिल्ली बॉर्डर में चल रहे किसान आंदोलन से जबलपुर लौटे किसान नेता शर्मा व बन्द को सफल बनाने उनके साथ हरियाणा से आये किसान संगठन के सदस्यों ने बरेला स्थित गौर में आवश्यक बैठक की।
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बैठक के दौरान जबलपुर में 27 सितंबर को हर स्तर पर बंद को सफल बनाने के लिए सभी प्रकार के ट्रेड यूनियन,व्यापारी मंडल, और छोटे छोटे कर्मचारी संघठनो से चर्चा कर उन्हें भी बंद को सफल बनाने शामिल किया जा रहा है,ताकि सभी मिलकर इस देशव्यापी बंद को सफल बनाया जा सके,,जहा बंद को लेकर किसान मोर्चा द्वारा जिला प्रमुखों से लेकर ब्लॉक् स्तर पर जिम्मेदारी सौपी गयी है। किसान नेता शिवशरण शर्मा ने कहा कि लगातार 10 महीने से अन्नदाता किसान अपना घर,परिवार,छोड़कर कृषि कानून बिल को वापिस लेने की मांग को लेकर धरने पर बैठे है इस दौरान अनेको किसान भाईयो को अपनी जान तक गवानी पड़ गयी इसके बाद भी सरकार कृषि कानून बिल वापिस नही ले रही है, किसी भी किसान को ये कृषि कानून मंजूर नही है।
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जब सरकार इस कृषि कानून बिल को लेकर आई तब किसी भी किसी संगठन से बैठक नही की गई,अब जबरन सरकार कृषि कानून बिल किसानों पर थोपना चाहती है,सरकार किसानों की नही सुन्ना चाहती किसान चाहते है कि 2024 तक इस कृषि कानून को रद्द किया जाये लेकिन सरकार बिल को लेकर अड़ी हुई है,वही किसान नेता शिवशरण शर्मा का कहना है कि सरकार द्वारा जो कानून किसानों के लिए लाया गया है वह किसान विरोधी कानून है जो किसानों पर जबरन थोपा जा रहा है,इसलिए इसके विरोध को लेकर 27 सितंबर को देशव्यापी बंद का आह्वाहन किया गया है।