माननीयों की ये कैसी जिद?, BJP और Congress पार्षदों के अलग अलग शपथ ग्रहण समारोह पर खर्च होंगे लाखों रुपये

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार। मध्य प्रदेश में भाजपा (BJP) शासित नगर निगमों में सेंध लगाकर कांग्रेस (Congress) बहुत खुश और उत्साहित है। इस बार जबलपुर महापौर सीट कांग्रेस ने जीतकर भाजपा को तगड़ा झटका दिया है। लेकिन 44 पार्षद जीतकर भाजपा भी बहुत खुश है मगर जनता द्वार चुने गए ये पार्षद जनता के पैसे को ही अब बर्बाद करने जा रहे हैं। जबलपुर में कांग्रेस और भाजपा के पार्षद अलग अलग शपथ ग्रहण करने वाले हैं।

जबलपुर में महापौर के साथ-साथ 79 वार्डो के पार्षदों का भी शपथ ग्रहण समारोह होना है। पर अब जनता के द्वारा चुने गए पार्षद और महापौर दो फाड़ हो गए हैं। कांग्रेस के महापौर और 26 पार्षद  7 अगस्त रविवार को शपथ ग्रहण करेंगे तो वहीं भाजपा के 44 पार्षद सोमवार 8 अगस्त को नगर निगम में शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लेंगे।

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महापौर जगत बहादुर अन्नू के साथ कांग्रेस के 26 पार्षद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में शपथ ग्रहण करेंगे तो वहीं भाजपा के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव शामिल होंगे। जानकारी के मुताबिक महापौर और पार्षदों के दो बार मे हो रहे शपथ ग्रहण समारोह में करीब 12 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है।

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बता दें कि 8 अगस्त को भाजपा पार्षद जबलपुर नगर निगम में शपथ ग्रहण कर रहे हैं जिसमें प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव, सांसद राकेश सिंह, राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि सहित भाजपा के कई दिग्गज नेता शामिल होंगे। तो वहीं इसके ठीक एक दिन पहले साथ 7 अगस्त को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, राज्यसभा सांसद विवेक तंखा, पूर्व मंत्री तरुण भनोट सहित विधायकों की उपस्थिति में शपथ ग्रहण समारोह होगा।

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गौरतलब है कि दोनों ही पार्टियां एक दूसरे के साथ शपथ ग्रहण करने के लिए तैयार नहीं थी इसलिए दो अलग अलग शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किये जा रहे हैं। पार्षदों के इस रवैये को देखकर समझा जा सकता है कि जब नगर निगम परिषद् में जनता से जुड़े मुद्दों पर बहस होगी तो दोनों ही पार्टियां कैसे एकमत होंगी ?

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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