MP News: हाई कोर्ट ने MBBS सीट लिविंग बॉन्ड पर सुनाया फैसला, छात्रा को जुर्माने के बिना ओरिजनल डिग्री वापस करने के दिए निर्देश

राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MBBS के छात्रों को बीच में सीट छोड़ने पर 30 लाख रूपए के पेनल्टी देने का प्रावधान है।

Shashank Baranwal
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MP News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की तरफ से MBBS सीट लिविंग बॉन्ड के खिलाफ बड़ा फैसला लिया गया है। दरअसल, हाई कोर्ट ने शनिवार को MBBS सीट लिविंग बॉन्ड के खिलाफ फैसला सुनाते हुए एमजीएम कॉलेज की छात्रा को बिना पेनल्टी के ओरिजनल डिग्री वापस करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा हाई कोर्ट ने सरकार से 4 सप्ताह में इस मामले को लेकर जवबा भी मांगा है।

बीच में सीट छोड़ने पर इतना जुर्माना

दरअसल, राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MBBS के छात्रों को बीच में सीट छोड़ने पर 30 लाख रूपए के पेनल्टी देने का प्रावधान है। इस नियम को मध्य प्रदेश सरकारी ने 19 जून 2019 को बनाया था। इस नियम के तहत अगर कोई छात्र बीच में ही सीट खाली करता है तो उसे जुर्माने के तौर पर 30 लाख रूपए देने का प्रावधान निर्धारित किया गया है। आपको बता दें साल 2024 मे नेशनल मेडिकल कमीशन ने मध्य प्रदेश सरकार को अपने इस फैसले पर रिव्य करने की बात कही थी।

हाई कोर्ट ने जारी की नोटिस

इसको लेकर एमजीएम कॉलेज की एक छात्रा ने मप्र हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए बिना पेनल्टी के ओरिजनल डिग्री वापस करने के निर्देश दे दिए हैं। इसके अलावा हाई कोर्ट ने प्रिंसिपल सेक्रेट्री एजुकेशन भोपाल, नेशन मेडिकल कमिशन नई दिल्ली, कमिश्नर हेल्थ, डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन भोपाल और एमजीएम मेडिकल कॉलेज को नोटिस भी भेजा है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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