MP High Court order: मप्र उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि नर्सिंग कॉलेजों को 2024-25 की संबद्धता मेडिकल यूनिवर्सिटी ही देगी, कोर्ट ने कहा संशोधन अधिनियम के प्रावधान इस वर्ष लागू नहीं हो सकेंगे, आदेश में कहा गया कि पिछले दो सत्रों की नर्सिंग परीक्षाओं के परिणाम मेडिकल यूनिवर्सिटी ही जारी करेगी, कोर्ट ने कहा सीबीआई जाँच में कमी पाये गये कॉलेजों की सूची सार्वजनिक की जाएगी।
नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में आज लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ सभी अन्य नर्सिंग मामलों की सुनवाई मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की प्रिंसिपल बेंच में जस्टिस संजय द्विवेदी एवं जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की विशेष पीठ के समक्ष हुई। जिसमें सभी तथ्यों को सुनने के बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया।
मेडिकल यूनिवर्सिटी ही देगी नर्सिंग कॉलेजों को 2024-25 की संबद्धता
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में आवेदन पेश मेडिकल यूनिवर्सिटी के एक्ट के संशोधन को चुनौती दी थी, कोर्ट को बताया गया था कि मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में व्यवस्थित, दक्षतापूर्ण, एकरूपतापूर्ण, गुणवत्तायुक्त शिक्षा, शोध सुनिश्चित करने के प्रयोजन से की गई थी जिसे सरकार द्वारा 2024 में एक्ट में संशोधन कर नर्सिंग एवं पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों की संबद्धता का नियंत्रण क्षेत्रीय विश्वविद्यालय को सौंप दिया गया , याचिकाकर्ता ने इस निर्णय को कठघरे में रखते हुए तर्क दिये थे कि अन्य क्षेत्रीय विश्वविद्यालयो के पास स्वास्थ्य संबंधी विषयों की विशेषज्ञता नहीं है तथा अन्य राज्यों में भी स्वास्थ्य संबंधी कोर्सों का संचालन हेल्थ यूनिवर्सिटी द्वारा किया जा रहा है। हाई कोर्ट ने वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए निर्देश दिये हैं कि सत्र 2024-25 की संबद्धता प्रक्रिया मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा की संपादित की जावेगी ।
हज़ारों नर्सिंग छात्रों की परीक्षा परिणाम होंगे जारी
सत्र 2019-20 एवं 2020-21 के विभिन्न नर्सिंग पाठ्यक्रमों की वार्षिक/सेमेस्टर परीक्षाएँ हाईकोर्ट के आदेश पर मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा ली गई थी, परीक्षाफल हाई कोर्ट की अनुमति नहीं मिलने से जारी नहीं हो सके थे, आज हाई कोर्ट ने उन परीक्षाओं के परिणाम जारी करने की अनुमति मेडिकल सानिस यूनिवर्सिटी को दे दी है, जिसके चलते हज़ारों छात्र जो परिणामों के इंतज़ार में थे उन्हें राहत मिल सकेगी।
सीबीआई जाँच में डेफ़िसिएंट पाये गये कॉलेजों की रिपोर्ट होगी सार्वजनिक
मध्य प्रदेश के लगभग 700 नर्सिंग कॉलेजों की हाईकोर्ट द्वारा कराई गई जांच की रिपोर्ट सीबीआई ने सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट में पेश की थी जिसकी एक प्रति हाई कोर्ट द्वारा नर्सिंग काउंसिल को तथा याचिकाकर्ता को सौंपी गई थी इस मामले में हाई कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि कमी पाए गए अर्थात डेफिशिएंट कॉलेजों की सूची और उनमें पाई गई कमियों को नर्सिंग काउंसिल की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाए । ग़ौरतलब है कि हाई कोर्ट की पहली जाँच में सुटेबल पाये गये 169 नर्सिंग कॉलेजो की दोबारा जाँच भी हाई कोर्ट ने करायी थी, जिसमें अनेकों कॉलेज सुटेबल की सूची से बाहर हो गये हैं ।
जबलपुर संदीप कुमार की रिपोर्ट