जबलपुर। संदीप कुमार।
बस कुछ समय और उसके बाद नगर निगम चुनाव का बिगुल बजेगा।प्रदेश की दोनों बड़ी पार्टियां ज्यादा से ज्यादा नगरीय निकाय चुनावों में विजय हासिल करना चाहेगी।बात करे अगर जबलपुर की कांग्रेस जहाँ नर्मदा गौ कुम्भ के बहाने हिंदुत्व को साधने की कोशिश की है।तो वही दूसरी और कांग्रेस के द्वारा खेले गए “हिन्दू कार्ड”से भारतीय जनता पार्टी में खलबली मच गई है।भाजपा अभी तक इसी कार्ड के जरिये कांग्रेस पर हावी होती रही है।राज्य सरकार के द्वारा आयोजित नर्मदा गौ कुम्भ में बढ़ रही भीड़ से कांग्रेस जहाँ उत्साहित है तो वही भाजपा इसका तोड़ निकालने के मंथन में लगी हुई है।माँ नर्मदा के ग्वारीघाट में आयोजित गौ कुम्भ में वित्त मंत्री तरुण भनोट ने अपनी जहाँ पूरी ताकत झोंक दी है।मुख्यमंत्री कमलनाथ की तरफ से भी तरुण भनोट को फ्री हेंड छोड़ दिया गया है।वही सामजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया भी वित्त मंत्री के साथ खड़े होकर अपनी उपास्थिति नर्मदा गौ कुम्भ में दिखा रहे है।वित्त मंत्री तरुण भनोट की पश्चिम विधानसभा में करीब 9 दिनों तक देश प्रदेश से जन सैलाब उमड़ेगा जिससे कि शहर की ब्रांडिंग के साथ आय भी बढ़ेगी।इससे पहले भी प्रदेश में नर्मदा गौ कुम्भ हुआ है पर सरकार का सहयोग न मिलने के चलते महज ओपचारिकता बन कर रह जाता था पर इस बार राज्य सरकार ने दो करोड़ रु खर्च कर पूरे नर्मदा तट को दुल्हन की तरह सजा दिया है।
भाजपा ने बनाई नर्मदा गौ कुम्भ से दूरी…..
विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक नर्मदा गौ कुम्भ से पूरी तरह दूरी बनाई रखी है।सार्वजनिक तौर पर तो कुछ भाजपाई नेता सामने आ रहे है पर अंदर ही अंदर इस आयोजन की काट को भी विपक्ष खोज रहा है।बहरहाल इससे पहले भी ओशो महोत्सव और वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य सरकार ने जबलपुर शहर की ब्रांडिंग देश-विदेश में की थी जिसमे की वित्त मंत्री तरुण भनोट का अहम रोल था।