जबलपुर, संदीप कुमार। लोक शिक्षण संचनालय की रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है कि कोरोना काल(Corona period) में सरकारी स्कूलों से शिक्षक गैर मौजूद रहते हैं जबकि शासन के निर्देश हैं कि भले ही छात्र स्कूल ना आए पर शिक्षकों को नियमित रूप से स्कूल में मौजूद रहना है। शिक्षकों की यही गैरमौजूदगी अब उनके लिए परेशानी का सबब बन गई है। लोक शिक्षण संचनालय ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि जबलपुर जिले में करीब 40 शिक्षक अपनी ड्यूटी से नदारद रहे हैं तो वहीं करीब मध्यप्रदेश में 16000 मासाब इन दिनों गायब मिले हैं।
लोक शिक्षण संचनालय ने संभागीय संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश जारी किया है निर्देश में पूछा गया है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में शिक्षा विभाग के दस्तावेजों में जो शिक्षक दर्ज हैं आखिर वह है कहां।इस बारे में सही जानकारी अब जिला शिक्षा अधिकारी जुटाने में लगे हुए हैं। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो 2018-19 में करीब 320440 शिक्षक थे जो वही 2019- 20 की जानकारी जब मिली तो रिपोर्ट में शिक्षकों की संख्या 304225 रह गई ऐसे में कहा जा सकता है कि सरकारी स्कूल में पदस्थ शिक्षक अपने कार्य से गैर मौजूद रहकर अपने आप को स्कूल शिक्षा से दूर कर रहे हैं।
दोबारा शिक्षकों की गिनती कर ली जाए जानकारी
लोक शिक्षण संचनालय इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि वह दोबारा से शिक्षकों की गिनती का मिलान करें क्योंकि शिक्षकों की कमी से प्रदेश की रैंकिंग खराब होगी और छात्र शिक्षक अनुपात बढ़ जाएगा वहीं केंद्र से मिलने वाले अनुदान में भी कमी आएगी। रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा सिंगरौली जिले में शिक्षक लापता होने की जानकारी सामने आई है।
अतिरिक्त जिला परियोजना अधिकारी का दावा
अतिरिक्त जिला परियोजना अधिकारी अजय दुबे कहते हैं कि कोई भी शिक्षक स्कूल से गायब नहीं हुआ है सिर्फ शिक्षकों का इधर से उधर तबादला कर दिया गया है जिसके चलते शिक्षकों की गिनती में कमी की बात सामने आ रही है, हालांकि बात की जाए मध्यप्रदेश के जबलपुर की तो यहां पर शिक्षकों की कमी नहीं आई है जबकि बड़ी है।पर मध्य प्रदेश के ज्यादातर जिलो में शिक्षक अनुपस्थित ही रहे हैं लिहाजा इसके चलते शासकीय स्कूल में पदस्थ शिक्षकों की गिनती काफी हद तक कम सामने आई है।
स्कूल नहीं आने वाले शिक्षकों पर होगी कार्यवाही
संचालनय ने जिला शिक्षा अधिकारियों से दो टूक शब्दों में कहा है कि जो शिक्षक सालों से स्कूल नहीं आ रहे हैं और दूसरे काम में व्यस्त हैं तो ऐसे शिक्षकों पर कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल शिक्षा विभाग आंकड़ों में आ रहे हैं अंतर को सही करने की कोशिश में जुट गया है। ऐसा माना जा रहा है कि स्थानतरण/ पदस्थापना के बाद विभाग के कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में भरी गई जानकारी अलग होने के कारण शिक्षक की गैरमौजूदगी बड़ी संख्या में दिखाई दे रही है। बहरहाल अफसर अब जानकारी अपडेट करने में जुटे हुए हैं।