कहा जाता है कि जिसने भी माँ नर्मदा का अपमान किया है उसकी सरकार ज़रुर गई है। चाहे वह पूर्व की शिवराज सरकार हो या फिर वर्तमान की कमलनाथ सरकार जिसने भी माँ नर्मदा का अपमान किया हो उसे अर्श नही गर्त मिली है। यह किवदंति एक बार फिर सिद्ध हो गई है । पहले 2018 में नर्मदा कुम्भ यात्रा के नाम पर जो गलती शिवराज सिंह ने की थी वही गलती कमलनाथ ने भी की। नतीजा शिवराज के बाद अब कमलनाथ को भी अपनी सरकार गवानी पड़ी।
मना करने के बाद भी करवाया नर्मदा में गौ कुम्भ
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने नर्मदा कुम्भ करवाने पर अपनी आपत्ति जताई थी जिसके बाद सरकार के कई दिग्गज नेताओं ने शंकराचार्य को मानने की कोशिश की बावजूद इसके स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने अपनी नाराजगी बरकरार रखी।जिसके बाद प्रदेश सरकार ने नर्मदा कुम्भ का नाम बदलकर नर्मदा गौ कुम्भ कर दिया।24 फरवरी से 3 मार्च तक चले नर्मदा गौ कुम्भ करवाने का खामियाजा अब सरकार को साफ साफ दिखाई दे रहा है।नर्मदा गौ कुम्भ के समाप्त होते ही कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे और आखिरकार कांग्रेस सरकार को अल्पमत में आना पड़ा।
सरकार के अल्पमत में आते ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओ ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसना शुरू कर दिया है।भाजपा नगर अध्यक्ष जीएस ठाकुर ने कहा है कि कांग्रेस ने शंकराचार्य की आपत्ति के बाद नर्मदा कुम्भ का नाम बदलकर नर्मदा गौ कुम्भ कर दिया पर इस पूरे आयोजन में कही भी गाय माता का लेना देना नही था।यही वजह है कि माँ नर्मदा का श्राप कांग्रेस को लगा है और अब कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है।
भाजपा ने तो प्रदेश सरकार के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत पर यहाँ तक आरोप लगा दिए कि वो अपने भाई को इस नर्मदा गौ कुम्भ के नाम पर प्रस्तुत कर रहे थे आज ये स्थिति है कि अब कांग्रेस सरकार इसी वजह से खत्म होने की स्थिति में है।इधर पुराण के जानकर भी कहते है कि नर्मदा में कभी भी कुम्भ नही होता है।कुम्भ सिर्फ नासिक,प्रयागराज,उज्जैन और हरिद्वार में होता है।पर कांग्रेस सरकार ने नर्मदा के ग्वारीघाट में नर्मदा गौ कुम्भ करवाकर ग़लती की है जिसका खमियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।
शिवराज सरकार ने भी राजनीति के चलते की थी नर्मदा परिक्रमा,गई थी उनकी कुर्सी
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सन 2018 में नर्मदा परिक्रमा की थी उनकी यह परिक्रमा खत्म होते ही उन्हें भी सत्ता से हाथ धोना पड़ा था यह पूरा घटनाक्रम यह दर्शाता है कि जिसने भी मां नर्मदा के साथ छलावा किया है उसे बहुत बड़ा नुकसान हुआ है बाहर हाल शिवराज सरकार के बाद अब कमलनाथ सरकार को भी मां नर्मदा का प्रकोप झेलना पड़ रहा है।