Jabalpur News : मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में बेहतर एयरलाइंस कनेक्टविटी की मांग को लेकर गुरुवार को नो फ्लाइंग-डे (No Flight Day) गया । बता दें कि हाल ही में जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट का करीब 450 करोड रुपये की लागत से विस्तारीकरण किया गया था। एयरपोर्ट के विकास के बाद माना जा रहा था कि अब देश के बड़े शहरों के लिए भी जबलपुर से हवाई जहाज उड़ान भरेगा, लेकिन ऐसा न होकर एयरलाइंस ने अपनी फ्लाइट ही जबलपुर से बंद कर दी। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने क्षेत्र के सभी सांसदों से अपील की है कि जबलपुर के हित में आवाज उठाएं। शहर के तमाम सामाजिक संगठन नो फ्लाइंग-डे का समर्थन कर रहे हैं। पिछले दो माह से इसके लिए वह आंदोलन कर रहे हैं।
पहले 16 फ्लाइट थीं, अब छह बचीं
हिमांशु खरे ने बताया कि जबलपुर से पहले विभिन्न शहरों के लिए 16 फ्लाइट चलती थीं, लेकिन कम करते करते कंपनियों ने छह फ्लाइट कर दी। इस उपेक्षा का दंश जबलपुर ही नहीं और बल्कि आसपास के कई जिलों के लोगों को झेलना पड़ रहा है। विमानों की कमी के चलते यहां का उद्योग व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। विधि-चिकित्सकीय जैसे महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित होते हैं।
रोजागर व्यवसाय पर पड़ रहा है असर
वायु सेवा संघर्ष समिति के शंकर, नागदेव, बलदीप मैनी ने कहा, जबलपुर के युवा दिल्ली मुंबई सहित अन्य शहरों में उच्च शिक्षा व रोजगार के लिए जाते हैं। लेकिन फ्लाइट कनेक्टिविटी की कमी से परेशान होना पड़ता है। फ्लाइट की कमी के चलते बड़ी कंपनियां कैंपस सिलेक्शन के लिए जबलपुर नहीं आतीं।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट