रेप पीड़िता बयान से पलटी, हाई कोर्ट का आदेश, युवती से ली जाए वापस अनुग्रह राशि

Amit Sengar
Published on -

जबलपुर,संदीप कुमार। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता से सरकार द्वारा दी गई मुआवजा राशि वापस लेने के निर्देश ट्रायल कोर्ट को जारी किए हैं,जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान पाया कि पीड़िता ने ट्रायल में अपने ऊपर लगे आरोपों को नकार दिया है इसके बाद एकलपीठ ने उक्त आदेश जारी किया है, साथ ही रेप के आरोप में जेल में बंद आरोपी को जमानत पर छोड़ने के निर्देश भी हाई कोर्ट ने दिए गए हैं।

यह भी पढ़े…MP News : सीएम शिवराज की बड़ी घोषणा, 10 हजार करोड़ रूपये से अधिक होंगे खर्च, इन्हें मिलेगा लाभ

दरअसल रेप के आरोप में गिरफ्तार सागर निवासी एक युवक की तरफ से जमानत के लिए हाईकोर्ट में दूसरी बार आवेदन पेश किया गया था, सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से डी.एन.ए रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने की जानकारी पेश की गई, याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि ट्रायल कोर्ट में पीड़िता ने अपने बयान दर्ज करवाए थे पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि याचिकाकर्ता से हम लोगों का विवाद चलता था, साथ में काम करने वाले लोगों ने आवेदक बनाकर मुझ से पुलिस में आवेदन दिलवाया था उसके साथ इसके अलावा कुछ नहीं हुआ था।

यह भी पढ़े…Ujjain News : गैस सिलेंडर में आग लगने के बाद विस्फोट, 4 लोग हुए घायल

मामले में पीड़िता के परिवार वाले भी अपने बयान से मुकर गए,याचिकाकर्ता ने बीते 3 नवम्बर 2011 से न्यायिक अभिरक्षा में है,दूसरी बार लगाए गए जमानत आवेदन की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर याचिकाकर्ता को जमानत देने के निर्देश जारी किए हैं,एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पीड़िता ने खुद स्वीकार किया है कि उसने झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई है इसके साथ ही पीड़िता को मिली मुआवजा राशि को कोषागार में जमा करवाने के आदेश कोर्ट ने पीड़िता को दिए हैं, हाईकोर्ट ने रेप के एक मामले में पीड़िता को आदेश दिया है कि सरकार द्वारा दी गई मुआवजा राशि को वापस करे,इस बारे में हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को भी निर्देश दिए हैं।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News