जबलपुर, संदीप कुमार। कोरोना संक्रमण के समय रेमडेसिवीर इंजेक्शन जीवन रक्षक (life saviour)) से कम नहीं है। वर्तमान में संक्रमण से जूझ रहे मरीजो (patients) में इस इंजेक्शन की बहुत जरूरत है जिसका फायदा उठाकर कुछ लोग इंजेक्शन की काला बाजारी (black marketing) में जुटे हुए है। जबलपुर क्राइम ब्रांच (jabalpur crime branch) और गोहलपुर ने संयुक्त रूप से कार्यवाही करते हुए दो आरोपियों से 2 इंजेक्शन बरामद किए है। पुलिस (police) गिरफ्त में आया एक व्यक्ति निजी अस्पताल में मैनेजर के पद पर पदस्थ है।
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3800 का इंजेक्शन बेच रहा था 21000 रु में
जानकारी के मुताबिक दोनों आरोपी शाहनवाज खान और विवेक चौधरी चंडाल भाटा के लाइफ ट्रॉमा हॉस्पिटल के पास खड़े होकर रेमडेसीविर इंजेक्शन की 2 बोतल बेचने की फिराक में थे। मुखबिर के माध्यम से गोहलपुर सीएसपी अखिलेश गौर को यह सूचना मिली जिसके बाद क्राइम ब्रांच और गोहलपुर थाना पुलिस अलर्ट हुई और दोनों व्यक्तियों के पास से दो बोतल इंजेक्शन के बरामद किए। बताया जा रहा है कि इंजेक्शन की कीमत 3800 रु एमआरपी थी जिसे ये दोनों 21000 रु में बेचने वाले थे।
अस्पताल स्टाफ भी हो सकता है शामिल
पुलिस की जानकारी में अभी तक सामने आया है कि इन दोनों आरोपियों के साथ लाइफ ट्रॉमा अस्पताल का स्टाफ भी शामिल हो सकता है जो कि जरूरतमंदों को इनके पास तक इंजेक्शन खरीदने के लिए पहुँचाया करता होगा। शहनवाज खान के पास से पुलिस को न्यू लाइफ स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल का आईकार्ड भी मिला है। इसके अलावा विवेक और शहनवाज खान से मोबाइल और मोटरसाइकिल भी पुलिस ने बरामद की है।
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पुलिस ने इन धाराओं के तहत मामला किया दर्ज
पुलिस गिरफ्त में आए दोनों आरोपियों के पास करीब पांच इंजेक्शन थे जिसमें कि 3 पहले वह बेच चुके हैं जबकि दो इंजेक्शन जो उनके पास से बरामद हुए है उनका उन्होंने एमआरपी और बैच नंबर मिटा दिया था। गोहलपुर थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 3/7 ईसी एक्ट एवं 188-269-270 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, ड्रग कंट्रोल एक्ट 1949 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।