राजनेताओं और बिल्डरों पर लगे गंभीर आरोप, हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका

जबलपुर हाईकोर्ट

जबलपुर, संदीप कुमार। बिल्डरों और राजनेताओं पर सागर जिले के मास्टर प्लान को अपने हिसाब से बदलवाने का मामला सामने आया है, जिस पर जबलपुर हाईकोर्ट में एक यचिका दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि, बिल्डरों की जमीनों को मास्टर प्लान में फ्री होल्ड किया गया है, जबकि यह जमीन ग्रीन बेल्ट के तहत आती है इस पर हाईकोर्ट ने सागर जिला प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका में सागर के मास्टर प्लान पर आपत्तियां उठाई गई हैं,आरोप लगाया गया है कि सागर के नेताओं और बिल्डरों ने जिले का मास्टर प्लान अपने हिसाब से बदलवा दिया है। जिसमें लगभग साढ़े चार सौ एकड़ जमीन जो ग्रीन बेल्ट में थी उसे ग्रीन बेल्ट से फ्री घोषित करवा दिया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि, इसमें कई सफेदपोश भी शामिल हैं जबकि इस जमीन को फ्री होल्ड करने के पहले सागर के ही कई लोगों ने आपत्ति जताई थी और सागर के वातावरण को ठीक- ठाक रखने के लिए इस जगह को ग्रीन बेल्ट में रखना जरूरी था, लेकिन इसे फ्री होल्ड कर दिया गया।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।