जबलपुर। फ़िल्म “सांड की आंख” जिस 84 साल की महिला को लेकर बनी थी आज वो महिला प्रकाशी तोमर थी जबलपुर में…मौका है मिलावट के विरोध में कल होने वाली मेराथन दौड़ का जिसमे की वो शामिल होंगी। अपनी बेटी को देखकर 60 साल की उम्र में शूटिंग की शुरुआत करने वाली प्रकाशी तोमर उर्फ शूटर दादी ने आज अपने जीवन की कई यादों को साझा किया।
शूटर दादी ने 84 साल की उम्र में भी दुरुस्त रहने का राज बताते हुए कहा कि मिलावट मुक्त खाना ही उनकी सेहत का राज है हरी सब्जियां खूब खाओ और स्वास्थ्य रहो ये नारा शूटर दादी ने दिया।वही 60 साल की उम्र में शूटर बनने को लेकर प्रकाशी तोमर ने बताया कि पानी से भरे जग को कई घण्टो तक हाथो में उठाकर उसका बैलेंस बनाकर रखा तब भरोसा आया कि वह भी अपनी बेटियों की तरह शूटिंग कर सकती है।स्टेट,प्री नेशनल में जीत दर्ज करने के बाद जब एक साल बाद नेशनल प्रतियोगिता में उनकी केटेगरी में उत्तर प्रदेश पुलिस में पदस्थ डीआईजी से उनका सामना हुआ तो 32 बोर की एयर पिस्टल में शूटर दादी ने डीआईजी को मात देते हुए गोल्ड मेडल जीता तब से उनका नाम प्रकासी तोमर के साथ एक और जुड़ गया”शूटर दादी”।इधर खेल में महिलाओ को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की नाफ़रमानी पर प्रकाशी तोमर उर्फ शूटर दादी जमकर भड़की उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने महिलाओं को खेल में कुछ भी फेसिलिटी दी नही वही अन्य राज्य सरकार से भी शूटर दादी ने मांग की है कि वो महिला खेल को तहजुब्ब दे।