Supreme Court के कॉलेजियम ने की सिफारिश, MP High Court के नए चीफ जस्टिस होंगे गुरमीत सिंह संधावालिया

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने जिन आठ राज्यों के हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस की नियुक्ति की सिफारिश की है उसमें मध्य प्रदेश के अलावा दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, केरल, लद्दाख, मेघालय और मद्रास हाई कोर्ट शामिल हैं। 

Atul Saxena
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MP High Court Jabalpur : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के नए चीफ जस्टिस गुरमीत सिंह संधावलिया होंगे। सुप्रीम कोर्ट  कॉलेजियम ने इसकी सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी है। गुरमीत सिंह मध्य प्रदेश से पहले पंजाब एवं हाई हरियाणा हाई कोर्ट मैं भी जस्टिस रह चुके हैं। कॉलेजियम ने देश के 8 अलग-अलग हाईकोर्ट में नए चीफ जस्टिसों की नियुक्ति की सिफारिश की है,केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद इनकी नियुक्ति के आदेश जारी हो सकेंगे।

इन 8 राज्यों के हाई कोर्ट में नियुक्त होंगे चीफ जस्टिस  

आपको बता दें कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने जिन आठ राज्यों के हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस की नियुक्ति की सिफारिश की है उसमें मध्य प्रदेश के अलावा दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, केरल, लद्दाख, मेघालय और मद्रास हाई कोर्ट शामिल हैं।

पिता भी रहे हैं मुख्य न्यायाधीश 

एमपी हाई कोर्ट ने नए चीफ जस्टिस गुरमीत सिंह का जन्म 1 नवंबर 1965 को हुआ था 1986 में चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से बीए ऑनर्स और 1989 में चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से एमएलबी उन्होंने किया था । न्यायमूर्ति गुरमीत  सिंह बार काउंसिल आफ पंजाब एंड हरियाणा चंडीगढ़ में एडवोकेट के रूप में नामांकित हुए थे। पिता पंजाब हरियाणा और पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे, फरवरी 2024 में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रहे हैं।

2011 में अतिरिक्त न्यायाधीश बने थे

जस्टिस संधावालिया को 30 सितंबर 2011 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का एडिशनल जज बनाया गया था। 24 जनवरी 2014 को वे स्थायी जज बन गए थे। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में उनके पूर्व जस्टिस शील नागू को 4 जुलाई को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया था। जस्टिस संजीव सचदेवा तब से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के रूप में कार्य कर रहे हैं।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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