जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर (jabalpur) के लार्डगंज थानांतर्गत राइट टाउन स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल मामले की जाँच अब स्वास्थ्य विभाग के टेक्निकल सपोर्ट के आधार पर भी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि शुरुआती पड़ताल में यह सामने आया था कि आयुष्मान कार्डधारी मरीजों की फाइलों में जो बीमारियाँ लिखी थीं वे हकीकत में उन्हें कभी थी ही नहीं। इसके साथ ही रोजाना कई ड्रिप लगाने की जानकारी तो दर्ज थी लेकिन हकीकत में ड्रिप भी नहीं लगी हैं।
जानकारों की मानें तो होटल वेगा में पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने जब दबिश दी थी तब यहाँ भर्ती मरीजों से पूछताछ भी की गई। जिस पर मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को यह बताया था कि उन्हें अस्पताल प्रबंधन ने फोन कर निःशुल्क जाँचें होने की बात कहकर बुलाया था। इस पर जब वे लोग यहाँ पहुँचे तो उल्टी-दस्त सहित कुछ अन्य बीमारियाँ होने की जानकारी देकर उन्हें भर्ती कर लिया गया।
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इस दौरान विभागीय टीम ने जब मरीजों से पूछताछ की तो यह बताया गया कि उन्हें उल्टी-दस्त सहित वे सारी बीमारियाँ कभी हुई ही नहीं हैं और ड्रिप भी नहीं लगाई गई है। इस पर पुलिस विभाग द्वारा आगे की जाँच के लिए स्वास्थ्य विभाग से सहयोग माँगा गया है ताकि आगे की सच्चाई सामने आ सके। प्रभारी सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा का कहना है कि उन्होंने पुलिस विभाग को टेक्निकल सपोर्ट दिया है और मरीजों की फाइलों में जो बीमारियाँ दर्ज थीं वे नहीं पाई गई हैं। फिलहाल हॉस्पिटल संचालक दंपत्ति अभी जेल में बंद है जिनसे रोज नए नए खुलासे हो रहे है।