ट्रैफिक पुलिस ने की कार्रवाई, नेताओं के किये सिफारिशी फोन, पुलिस ने काटा चालान   

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार। शहर की यातायात व्यवस्था (Traffic system) को बिगाड़ने वाले दो और तीन पहिया वाहनों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) ने मुहिम चलाई।  बेतरतीब तरीके से सड़कों पर ऑटो (Auto) चलाने वाले और नो पार्किंग में वाहन खड़े करने वालों  के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस ने कार्रवाई करते हुए करीब 25 से ज्यादा ऑटो के खिलाफ चालानी कार्रवाई की। हालांकि इस कार्रवाई  के दौरान पुलिस को कुछ नेताओं (Leaders) का दवाब भी झेलना पड़ा बावजूद इसके ट्रैफिक पुलिस ने चालानी कार्रवाई को जारी रखा।

शहर के नोदरा ब्रिज-बस स्टैंड-तीन पत्ती से जब्त किए ऑटो

ट्रैफिक एएसपी के निर्देश पर डीएसपी भरत सलोकी ने ताबड़तोड़ चलानी कार्रवाई  की और 25 से ज्यादा ऑटो को जब्त किया।  इस दौरान पुलिस अधिकारियों को नेताओं का दबाव  भी झेलना पड़ा बावजूद इसके पुलिस नेकार्रवाई करते हुए पाँच-पाँच सौ रु का चालान भी काटा।

शहर की यातायात व्यवस्था की खराब करते हैं ऑटो 

ट्रैफिक  डीएसपी के मुताबिक शहर में फर्राटे से दौड़ रहे ऑटो यातायात व्यवस्था को खराब करते हैं,कही भी ऑटो खड़ा कर देना, नो पार्किंग में रुकना, बिना परमिट के गाड़ी चलाना ऑटो चालकों की आदत हो गई है, समझाइश के बाद भी जब ऑटो चालकों  ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना जारी रखा तो पुलिस ने भी कार्रवाई शुरू कर दी।

ट्रैफिक  पुलिस की कार्रवाई  होते ही नेता जी आ गए थाने

यातायात नियमों का उल्लंघन करने, बिना परमिट-लायसेन्स के ऑटो चलाने वालों के खिलाफ जब पुलिस ने कार्रवाई  करना शुरू की तो नेता जी थाने पहुँच गए और कोरोना काल का हवाला देते हुए ऑटो छोड़ने की बात की पर पुलिस ने सभी ऑटो चालको पर 500-500 रु का जुर्माना किया और साथ ही समझाइश भी दी।

जबलपुर शहर में दौड़ रहे हैं  9 हजार ऑटो, परमिट 6 हजार ऑटो का

जानकारी के मुताबिक जबलपुर जिले में इन दिनों करीब 9000 ऑटो दौड़ रहे हैं जिसमें करीब 6 हजार ऑटो  ही परमिट वाले हैं जबकि शेष ऑटो शासन के बिना आदेश से चल रहे हैं  ऐसे में अब जल्द ही पुलिस बड़े  रूप से बिना परमिट के चलने वालों को निशाना बनाने की तैयारी में है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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