जबलपुर| जबलपुर की वेटरनरी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बारहसिंगा का डीएनए सीक्वेंस तैयार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है| पूरी दुनिया में अब तक बारहसिंगा का डीएनए सीक्वैंस तैयार नहीं किया गया था लेकिन दो साल से इसकी कोशिश कर रही जबलपुर की वेटरनरी यूनिवर्सिटी को अब सफलता मिल गई है|
यूनिवर्सिटी ने इस कामयाबी को रजिस्टर करने के लिए अमेरिका के एनएसबीआईएस यानि (नेशनल सेंटर फॉर बायोटैक्नोलॉजी इंफरमेशन सेंटर) भेजा है जहां दुनिया भर के डीएनए सीक्वेंस को दर्ज किया जाता है|
बता दें डीएनए सीक्वेंस या बायोलॉजिकल डीएनए सिग्नेचर में किसी भी जीव के हर सैल की पूरी जानकारी होती है| अगर किसी जीव का डीएनए सीक्वेंस मालूम कर लिया जाए तो किसी भी जगह पर उसके शरीर का कोई भी अंग मिलने पर उसकी जैविक स्थिति का पता लगाया जा सकता है| वेटरनरी यूनिवर्सिटी की डॉक्टर काजल जादव ने कान्हा नेशनल पार्क के बारहसिंगा के सैंपल को लेकर, बाहरसिंगा का डीएनए सीक्वेंस तैयार कर दिखाया है| वेटरनरी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर पी डी जुयाल ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है जिनका कहना है कि ऐसे डीएनए सीक्वेंस तैयार होने से वन्यप्राणियों की विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने में बड़ी मदद मिल सकती है।