केंद्रीय बजट में महाकौशल, बुंदेलखंड और विंध्य की उपेक्षा से विवेक तन्खा नाराज, BJP के 29 सांसदों से आह्वान,मिलकर उठानी होगी MP की आवाज

विवेक तन्खा ने कहा उन्होंने कहा कि मैं मध्य प्रदेश के सभी 29 भाजपा सांसदों से कहूँगा कि अब समय आ गया है, हमें मिलकर मध्य प्रदेश की आवाज बनना होगा, हम आपके साथ हैं, अब समय आ गया है, मध्य प्रदेश की पीड़ा असहनीय होती जा रही है इसलिए यदि हम बोलेंगे नहीं तो कोई सुनेगा नहीं।       

Vivek Tankha Congress

MP News : केंद्र सरकार ने कल मंगलवार को अपना बजट पेश किया, हमेशा की तरह बजट को विपक्ष ने दिशाहीन, नाउम्मीद करने वाला बताया जबकि सत्ता में बैठी भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने बजट को कल्याणकारी और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला बताया। इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा ने बजट को लेकर  नाराजगी जाहिर की है, उन्होंने कहा कि इस बजट में मध्य प्रदेश को क्या खास मिला? एक बड़े क्षेत्र महाकौशल, बुंदेलखंड और विंध्य की उपेक्षा की गई है, BJP को 29 सांसद देने वाले MP को आखिर क्या स्पेशल मिला?

बजट को लेकर विवेक तन्खा ने उठाये सवाल

सांसद विवेक तन्खा ने X पर अपना वीडियो मैसेज जारी करते हुए कहा कि मुझे बहुत अफ़सोस है कि एमपी ने भाजपा का बहुत साथ दिया पूरी 29 सीटें दी, लेकिन मध्यप्रदेश को इस बजट में क्या मिला ? महाकौशल, बुंदेलखंड और विंध्य को क्या मिला? उन्होंने सवाल किया कि क्या मध्य प्रदेश के पर्यटन में वृद्धि होगी क्या हमारे एयरपोर्ट अच्छे हो पाएंगे,  क्या डिफेन्स क्लस्टर आयेगा, क्या महिला सशक्तिकरण का मिशन पूरा हो पायेगा?

आंध्रप्रदेश और बिहार आपकी सर्वाइवल किट उसे दे दिया पूरा बजट 

आपने पूरा बजट आंध्रप्रदेश और बिहार पर केन्द्रित कर दिया क्योंकि वो आपका सर्वाइवल किट  है क्या आप सर्वाइवल के लिए बजट लाते हो या देश के लिए लाते हो? सड़कें तो पूरे देश में बन रही हैं, इसके अलावा जो आप मध्य प्रदेश के लिए कर रहे हो वो तो सामान्य है, मध्य प्रदेश पर साढ़े चार लाख करोड़ का कर्ज है वो कैसे वापस होगा? कोई स्पेशल पैकेज दे रहे हो मध्य प्रदेश को?

भाजपा के 29 सांसदों से आह्वान हमें मिलकर MP की आवाज बनना होगा 

उन्होंने कहा कि मैं मध्य प्रदेश के सभी 29 भाजपा सांसदों से कहूँगा कि अब समय आ गया है, हमें मिलकर मध्य प्रदेश की आवाज बनना होगा, हम आपके साथ हैं, अब समय आ गया है, मध्य प्रदेश की पीड़ा असहनीय होती जा रही है इसलिए यदि हम बोलेंगे नहीं तो कोई सुनेगा नहीं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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