जब 25 साल पहले भूकंप ने ली थी मध्यप्रदेश में 41 लोगों की जान

Amit Sengar
Published on -

जबलपुर,संदीप कुमार। 1997 में जब भूकंप आया था तब पूरा जबलपुर (jabalpur) तहस नहस हो गया था कई गांव शहर भी इस भूकंप से प्रभावित हुए थे इतना नही कई लोगो की जान तक चली गई थी,उस समय आए भूकम्प में सबसे ज्यादा जबलपुर जिला प्रभावित हुआ था क्योंकि भूकम्प का केंद्र बिंदु नर्मदा नदी के किनारे का कोसमघाट गाँव था जहाँ सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था।

यह भी पढ़े…चेहरे के लिए क्या है BB ग्लो ट्रीटमेंट और कैसे बनाता है यह चेहरे को सुंदर? जाने यहाँ

41 लोगो ने गवाई थी जान
1997 में जब भूकंप आया था तब न सिर्फ लोगो का भारी नुकसान हुआ था बल्कि कई लोगो की जान भी गई थी,एक जानकारी के मुताबिक तकरीबन 41 लोगो की जान उस समय भूकंप में गई थी जिनकी याद में जबलपुर के सिविक सेंटर में स्तंभ बनाया गया था,आज भूकंप की 25 वी बरसी है पर किसी भी जनप्रतिनिधि को उनकी याद नही आई जिन्होंने असमय अपनी जान गवा दी थी,भूकंप में जान गवाने वालो की याद में जबलपुर के सिविक सेंटर में स्थापित किया गया स्तम्भ आज के दिन भी बदहाल रहा,नेताओ ने स्तम्भ में उन शहीदों का नाम तो लिखवा दिया पर आज जब भूकम्प की 25 वी बरसी है तो उनकी याद में स्तम्भ के सामने 2 मिनिट के मौन का भी किसी के पास समय नही है।

यह भी पढ़े…केंद्र की एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बाद महाराष्ट्र सरकार ने किया पेट्रोल डीजल पर वैट कम, आमजन को मिलेगा लाभ

देर सबेर आई है अब कांग्रेस को याद
जबलपुर के सिविक सेंटर में भूकंप में जान गवाने वालो की याद में लगे स्तम्भ की बदहाल तस्वीर को जब एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया में वायरल किया तो कुछ कांग्रेस नेताओं को याद आई,कांग्रेस के नेताओ की तरफ से तैयारी की जा रही है कि भूकम्प में जान गवाने वालो को याद करते हुए स्तम्भ के पास जाकर उनकी याद में शोक सभा की जाएगी।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News