एंबुलेंस में गूंजी किलकारी, महिला ने एंबुलेंस में दिया बच्ची को जन्म

जबलपुर, संदीप कुमार। कहते हैं कि जान बचाने वाले का दर्जा खुदा से कम नहीं होता। किसी को जीवनदान देने का काम स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी रोजाना करते हैं। पर ऐसा बहुत ही कम होता है जब विकट परिस्थितियों में किसी की खतरे में पड़ी जान को कम संसाधानों के साथ बचाया जाए। बरेला की सरोरा गांव की एक महिला को 108 एंबुलेंस में कुछ ऐसा ही हुआ। यहां प्रसव पीड़ा के चलते चलती एंबुलेंस में ही महिला की नार्मल डिलीवरी कराई जिससे जज्चा और बच्चा दोनों की जान बच गई। महिला ने एंबुलेंस में बेटी को जन्म दिया।

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देर रात 108 एंबुलेंस में किलकारी गूंजी। चलती एंबुलेंस में महिला को प्रसव पीड़ा होने के चलते 108 एंबुलेंस पैरामेडिकल स्टाफ ने नार्मल डिलीवरी कराई। जबकि चांदनी नाम की इस महिला को पूरा केस बहुत ही ज्यादा क्रिटिकल था। 108 एंबुलेंस के पैरामेडिकल स्टाफ के श्याम उपाध्याय ने बताया कि शुक्रवार देर रात बरेला सरोरा गांव में रहने वाले सूरज यादव ने फोन पर सूचना दी कि उसकी पत्नी चांदनी यादव को प्रसव पीड़ा हो रही है। मौके पर पहुंचकर महिला को 108 एंबुलेंस से बरेला स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कर गांव से लाया गया परंतु महिला ने बीच रास्ते में अत्याधिक पीड़ा होने लगी जिसे चलती 108 एंबुलेंस में प्रसव कराया गया। महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया, जज्जा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य है।

एंबुलेंस में मौजूद श्याम उपाध्याय ने बहुत ही सूझबूझ के साथ महिला का उपचार किया। एंबुलेंस जिला अस्पताल के लिए चलती रही। वहीं महिला प्रसव पीड़ा से करार रही थी। गर्भ में बच्चा नाल में फंसे होने के चलते डिलीवरी नहीं हो पा रही थी। लेकिन श्याम उपाध्याय ने कम संसाधानों में महिला की नार्मल डिलीवरी कराई और चांदनी ने बेटी को जन्म दिया तब जाकर परिजनों ने राहत की सांस ली। उसके बाद एंबुलेंस बरेला अस्पताल पहुंची और मौजूद चिकित्सकों ने आगे का इलाज किया। अब जज्चा व बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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