MP News : राजनीति और धर्म वर्तमान समय में एक ही सिक्के के दो पहलू बन चुके हैं। कभी राजनीति धर्म का हाथ पकड़कर आगे बढ़ती है तो कभी धर्म राजनीति का। हालांकि भारत की धर्मनिरपेक्षता इस बात का हमेशा ध्यान रखती है कि दोनों के बीच की लकीर हमेशा बरकरार रहे।
इस धर्मनिरपेक्षता का एक और बेहतरीन उदाहरण हमें देखने को मिलता है राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भीतर। वह कभी अजमेर की दरगाह पर प्रदेश की भलाई के लिए चादर चढ़ाते हैं तो कभी संत समागमों में संतों का आशीर्वाद लेते हैं। इस बार मुख्यमंत्री शिवराज अपनी धर्म पत्नी के साथ जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज का आशीर्वाद लेने पहुंचे।
शिवराज के परिवार की तारीफ
आपको बता दें मुख्यमंत्री शिवराज अपनी पत्नी सहित जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज की कथा में पहुंचे थे। सबसे पहले तो रामभद्राचार्य जी ने शिवराज के दांपत्य की और जो उन्होंने अपने बेटों के नाम रखे हैं इस बात की तारीफ की। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि किस तरह लोगों ने शिवराज के बारे में उनसे सवाल किए जिन्हें वह टाल नहीं सके।
आपको फिर मुख्य मंत्री बनाने की रणनीति तैयार
शिवराज और बेटों की तारीफ करने के बाद जब गुरु जी ने शिवराज के लिए कुर्सी लाने की बात करी तब मुस्कुराते हुए शिवराज ने उनसे कहा कि गुरु जी कुर्सी तो मुझे मिली ही हुई है, अपने आशीर्वाद से अगले चुनाव में फिर से कुर्सी दिलवा दीजिए। इसका जवाब देते हुए जगद्गुरु ने कहा कि मैं आपको कुर्सी दिलाने के लिए तैयार हूं, कुर्सी आपको मिलेगी भी इसके लिए मैंने रणनीति बना ली है।
उमा ने कहा शिवराज बने फिर सीएम
आगे बात करते हुए गुरु जी ने बताया कि आज मेरी छोटी लाडली बहन उमा भारती मेरे पास आई और उन्होंने मुझसे कहा कि गुरु जी शिवराज सिंह जी को आशीर्वाद दीजिए कि वे एक बार फिर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पद ग्रहण करें। अपनी बात कहते में गुरुजी ने यह भी बताया कि यह बात पूरी तरह सच है मैं बिल्कुल भी झूठ नहीं बोल रहा हूं।