मध्य प्रदेश की जेलों में कोरोना से ज्यादा HIV संक्रमण का खतरा बढ़ा, 746 कैदी को हुआ एड्स

Gaurav Sharma
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JABALPUR

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश जेल (Madhya Pradesh Prisons) में कैद कैदियों (Prisoners) पर कोरोना वायरस (Corona Virsus) से ज्यादा एचआईवी (HIV) का खतरा मंडरा रहा है। बीते 3 सालों के आंकड़ों के हिसाब से कुल 131 जेलों में कैद 2 लाख 16 हजार 546 कैदियों (Prisoners) में से 746 कैदी एड्स पॉजिटिव (AIDS Positive) पाए गए हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ जब मध्य प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसायटी (Madhya Pradesh AIDS Control Society) द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई।

बढ़ सकता है संक्रमण

वहीं इस पूरे मामले को लेकर एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अधिकारियों का कहना है कि जेलों में बंद जिन कैदियों में एचआईवी का संक्रमण (HIV) पाया गया है, उनमें महिला और पुरुष दोनों है। अब तक की गई जांच में 57% कैदियों में यही आंकड़ा पाया गया है। अधिकारी का कहना है कि बाकी के कैदियों की जब जांच होगी तो इस आंकड़े में इजाफा होने की संभावना है। अगर वक्त रहते कैदियों की जांच नहीं की गई तो यह संक्रमण और बढ़ सकता है।

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कई कारण से फैल रहा संक्रमण

बता दें कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आज के वक्त में कुल 131 जेल है, जिनमें कुल 2 लाख 16 हजार 546 कैदी है। एड्स नियंत्रण सोसाइटी (AIDS Control Society) के अधिकारी का कहना है कि क्षमता से ज्यादा जेल में कैदियों को रखा जा रहा है। वही कैदियों में एचआईवी वायरस (HIV) के फैलने के कई कारण हो सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि कई लोग नशा इंजेक्शन के माध्यम से लेते है।

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एक ही इंजेक्शन का करते है कई पर उपयोग

एड्स नियंत्रण सोसाइटी के संचालक का कहना है कि एक बार इंजेक्शन (Injection) का उपयोग होने के बाद उसे फेंक देना चाहिए,दोबारा नहीं यूज नहीं करना चाहिए। लेकिन कैदी एक ही इंजेक्शन (Injection) का कई बार उपयोग करते हैं, जिसके कारण से उनके बीच एचआईवी का संक्रमण (HIV infection) फैल रहा है और आगे भी फैल सकता है। इसी कारण को एचआईवी फैलने (HIV outbreak) का मुख्य कारण लेकर चला जा रहा है। क्योंकि इसके अलावा और कोई बड़ी वजह संक्रमण फैलने की सामने नहीं आ रही है। प्रदेश के 57 फ़ीसदी जिलों में जांच जारी है, लेकिन जिस हिसाब से परिणाम देखने को मिल रहे हैं जांच के दायरे को बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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