Japanese fever : प्रदेश में चिकित्सा मंत्रालय द्वारा उठाये जा रहे जापानी बुखार के टीकाकरण के चलते आज से प्रदेश में टीका लगाया जा रहा है। वहीं इसको लेकर प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल का कहना है की बीमारी के खतरे को देखते हुए यह अभियान शुरू किया गया है। दरअसल आपको बता दें की यह एक तरह का दिमागी बुखार है। यदि कोई इससे संक्रमित होता है तो उसे इसके झटके आते हैं। आमतौर पर जैसे बार-बार बेहोशी आना इसका मुख्य लक्षण है। जानकारी के अनुसार 30 पर्सेंट मामले में पेशेंट की मौत हो जाती है। इसीलिए यह एक गंभीर बीमारी है।
खासकर बच्चों और बुजुर्गों में होती यह बीमारी:
दरअसल जापानी बुखार एक भयानक बीमारी मानी जाती है। रिपोर्ट की माने तो इससे 30 पर्सेंट केस में पेशेंट की जान चले जाती है। वहीं इसमें 30 पर्सेंट केस में ठीक प्रकार से रिकवरी भी नहीं होती है। जानकारों के अनुसार यह रोग खासकर बच्चों और बुजुर्गों में होती है। दरअसल बच्चों व बुजुर्गों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। जिस वाहह से उन्हें यह बीमारी आसानी से घेर लेती है।
यह एक-दूसरे से नहीं फैलता:
हालांकि अभी तक इसका प्रदेश में कोई केस नहीं मिला है। लेकिन इससे पहले इसके केस प्रदेश में मिल चुके हैं। जानकारी के अनुसार आठ साल पहले इंदौर के महू में इसका एक केस सामने आया था। हालांकि संक्रामक बीमारी नहीं है यानी यह एक-दूसरे से नहीं फैलता है। लेकिन यह एक गंभीर बीमारी है जिससे जान का खतरा अधिक होता है। यह आम बुखार से अलग होता है इसमें दिमाग पर बुखार हावी हो जाता है। जिससे बार बार पेसेंट को झटके आने लगते है।
स्वास्थ मंत्री राजेंद्र शुक्ल का बयान:
वहीं आज से शुरू हुए टीकाकरण को लेकर मध्यप्रदेश के स्वास्थ मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मीडिया से कहा की ‘भोपाल, इंदौर, सीहोर और नवदापुरम जहां पर भी बीमारी के आने के खतरे है। वहाँ अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को टीकाकरण किया जा रहा है। भारत सरकार के निर्देश के चलते और साथ ही जो हमारे सर्वे विभाग है वह जो रिपोर्ट देगा उसके बाद उसको अमल में लाकर अभियान चलाया जाएगा।’ दरअसल आपको बता दें यह बीमारी अप्रैल-मई में ज्यादा फैलती है।