इंसानियत हुई शर्मसार! चोरी का आरोप लगाकर आदिवासी महिला को बनाया बंधक

Amit Sengar
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Jhabua Shame On Humanity News : झाबुआ जिले के मेन बाजार में आदिवासी महिला के साथ अमानवीय रवैया अपनाने का मामला सामने आया है। जहाँ एक एक कपड़ा व्यापारी ने आदिवासी ग्रामीण महिला को आधा घंटे तक बंधक बनाकर रखा। उसके हाथ एक बड़ी रस्सी से दुकान के गेट से बांध दिए। उसके बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर महिला का हाथ छुड़वाकर महिला व व्यापारी को थाने ले गई। व्यापारी ने महिला पर उसकी दुकान से चोरी का आरोप लगाया है। पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया। व्यापारी भी थाने पहुंचा, लेकिन शाम तक मामला दर्ज नहीं किया गया।

यह है पूरा मामला

बता दें कि मेन मार्केट में घटना रविवार दोपहर 3 बजे के लगभग हुई है कपड़ा दुकान चलाने वाले व्यापारी ने ग्रामीण महिला को पकड़ कर बांध दिया। व्यापारी ने दावा किया कि 1 दिन पहले इस महिला ने उसकी दुकान से कंबल चुराए थे सीसीटीवी फुटेज में वह दिख रही है जब उसे पकड़ा तो उसने हाथ की उंगली पर काट लिया उसे काबू नहीं कर पा रहे थे इसलिए बांधकर पुलिस को सूचना दी।

जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) ने व्यापारी पर मामला दर्ज करने और फौरन गिरफ्तार करने की मांग की है। साथ ही कहा कि अगर चोरी की तू तो उसकी वीडियो पुलिस को देना थी और रिपोर्ट लगाना थी इस तरह अमानवीय तरीके से महिला के हाथ बांधकर उसे जलील करना आदिवासियों के खिलाफ नफरत की मानसिकता को दिखाता है जिले में हम ऐसा नहीं होने देंगे अगर पुलिस व्यापारी को गिरफ्तार नहीं करती है तो आंदोलन करेंगे।

इधर महिला का कहना है कि वह कपड़े खरीदने गई थी। व्यापारी द्वारा जबरन उसके हाथ बांध दिए गए। उसके द्वारा चोरी नहीं की गई।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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