चार वर्ष के बेटे की हत्या कर पिता ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या,पत्नी जान बचाकर भागी

बेटे को गोली मारने के बाद मयंक ने पत्नी पर फायर किया तो वो जान बचाकर भागी, जिसमें उसे चोट आई, पत्नी के चिल्लाने पर आसपास के लोग दौड़े तब तक मयंक ऊपर के कमरे में चला गया और फिर उसने कमरा बन्द कर खुद को भी गोली मार ली।

Atul Saxena
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Katni News : कटनी के कोतवाली थाना क्षेत्र की नई बस्ती के एक घर में आज गोलियां चलने की आवाज से मोहल्ले के लोग दहशत में आ गए, यहाँ रहने वाले मयंक अग्रहरी ने पिस्टल से पहले चार साल के बेटे को गोली मारी फिर पत्नी पर हमला किया, पत्नी ने भागकर जान बचाई और फिर वो कमरे में गया और उसने खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली, डबल मर्डर से क्षेत्र में सनसनी फ़ैल गई, सूचना मिलते ही पुलिस के आला अफसर मौके पर पहुंचे और घटना की वजह जानने का प्रयास कर रहे हैं।

डबल मर्डर से फैली सनसनी 

जानकारी के मुताबिक आज बुधवार सुबह करीब साढ़े दस बजे मयंक अग्रहरी के घर से गोलियां चलने की आवाज आई, घर से मयंक की पत्नी मानवी बदहवास हालत में भागती हुई निकली, मोहल्ले के लोग ये देखकर उसके घर की तरफ भागे उसके बाद एक गोली और चलने की आवाज आई तो वहां सनसनी फ़ैल गई।

पत्नी पर भी किया हमला, बाल बाल बची 

सूचना मिलते ही कोतवाली थाना प्रभारी आशीष शर्मा पुलिस फ़ोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां चार साल के शुभ अग्रहरी और ऊपर के कमरे में मयंक अग्रहरी का शव पड़ा हुआ था, पिस्टल मयंक के हाथ में थी जिससे उसने पहले बेटे की हत्या की फिर खुद को गोली मार ली, उसने पत्नी पर भी फायर किया लेकिन वो जान बचाकर भागी जिसमें वो घायल भी हो गई।

शवों को पीएम के लिए भेजा, घायल पत्नी अस्पताल में भर्ती 

डबल मर्डर की जानकारी मिलते ही कटनी एसपी और अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुंचे, फोरेंसिक एक्सपर्ट को बुलाकर शवों की पड़ताल की, पिस्टल को कब्जे में किया और फिर पंचनामा बनाकर शवों को पीएम के लिए भेज दिया और घायल मानवी की प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया स्थानीय लोगों ने बताया कि मयंक अग्रहरी स्टाम्प वेंडर का कामकरता है, घटना क्यों जी अभी इसकी वजह पता नहीं चल सकी है, पुलिस कारण जानने का प्रयास कर रही है।

कटनी से अभिषेक दुबे की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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