ओंकारेश्वर। सुशील विधानि।
नर्मदा के ब्रम्हपुरी घाट,गौमुख घाट,नागर घाट पर नर्मदा में प्रदूषण को रोकने के ऊद्देश्य को लेकर जिला प्रशासन के निर्देश पर नर्मदा में विसर्जन के लिये लाई गई पुजन सामग्री को नर्मदा में न डालते हुए अलग से एक सिमेंट से बने कुण्ड उपरोक्त नर्मदा तटो पर स्थापित कराये गये थें जो की अब देखरेख के अभाव में कचरे से भरकर सडांध मारने लगे हैं जिससे नर्मदा भक्तों की आस्था आहत हो रही हैं।
एक ओर कुछ माह पूर्व ओंकारेश्वर में नर्मदा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारीयों द्वारा सर्वेकर स्थानिय गणमान्यजनों के सांथ बड़ी संख्या में लोग नर्मदा तट पर एकत्रित हुए थे और माँ नर्मदा को प्रदूषण से बचाने व स्वचछ रखने के लिए कई संकल्प लिए गए थे, लेकिन उन संकल्पों का असर मेहंदी के रंग के साथ ही समाप्त होता दिखाई पड़ रहा है। स्थानिय प्रशासन की अनदेखी के चलते नर्मदा घाटो पर अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ हैं। परिषद के सफाईकर्मचारीयों द्वारा घाटो पर बिखरा कचरा वहां रखे हवन-पूजन सामग्री निर्मलीय कुण्ड में डालकर आग लगा देते हैं जिससे वह अधजला रहकर सडांध मारने लगता हैं।
उल्लेखनीय है की स्थानिय मातृरक्षा सेवा संगठन द्वारा प्रति सप्ताह गुरुवार को सफाई अभियान चलाया जाता है। इसी कृ तहत गुरुवार तडके संगठन के सदस्यों द्वारा कड़कड़ाती ठंड में मां नर्मदा के तट पर 1 घंटा सफाई अभियान चलाया गया। गोमुख घाट से लेकर कोटी चक्रतीर्थ घाट तक एक घण्टे से अधिक समय तक सफाई अभियान चलाया गया। संगठन के अजय वर्मा ने नर्मदा को प्रदूषित होते देख पत्रकारों से कहा की ओंकारेश्वर के घाटों पर बने पूजन सामग्री निर्मलीय कुंड में बने कचरा पात्र पॉलिथीन से लेकर डायपर और पहनने के कपड़े तक कुंड में डाले मिले रहते है। और कई दिनों तक इस कुंड में कपड़े डालकर इसमें आग लगा दी जाती है। नगर परिषद ओंकारेश्वर के कर्मचारियों के द्वारा आये दिन कचरा खाली करवाने की बजाय इसमें आग लगा दी जाती है। और बांध द्वारा पानी छोड़े जाने पर कचरे में पड़े कीड़े- जीव जंतु गंदगी माँ नर्मदा में बह जाती है। संगठन के माध्यम से नर्मदा में हो रहे प्रदूषण को रोकने तथा स्थानिय विभाग की लापरवाही की शिकायत वरिष्ठ अधिकारीयों को की हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
नगर परिषद ओमकारेश्वर सीएमओ भावना पटेरिया को उनके मोबाइल पर जब फोन लगाओ किसी के फोन नहीं उठाते हैं इस कारण चर्चा नहीं हो पाई