कलेक्टर का ऑक्सीजन मैनेजमेंट, हर जगह हो रही जमकर तारीफ

खंडवा, सुशील विधानी। कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की हाहाकार के बीच खंडवा जिले के कलेक्टर का ऑक्सीजन मैनेजमेंट प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में रोल मॉडल बन कर उभरा है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर अनय द्विवेदी के इस मैनेजमेंट की जमकर तारीफ की है।

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कोरोना की दूसरी लहर ने प्रदेश और देश में ऑक्सीजन को लेकर जिस तरह से हाहाकार मचा और ऑक्सीजन की कमी से कई मरीजों की मौत हुई, पूरे देश के लिए एक सबक लेने का विषय है। साथ ही कोरोना की तीसरी लहर से कैसे निपटा जाए, इसकी तैयारी भी करना बेहद जरूरी है। ऐसे में खंडवा जिले के कलेक्टर अनय द्विवेदी ने जिस तरह से ऑक्सीजन का मैनेजमेंट किया, अब उससे सीख लेकर अन्य जिलों को भी ऐसा मैनेजमेंट करने की सलाह खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी है।

14 अप्रैल को खंडवा जिले में सरकारी मेडिकल कॉलेज में 352 मरीज भर्ती थे और ऑक्सीजन की कमी साफ दिख रही थी। खपत बढ़कर 136 टाइप डी सिलेंडर प्रति घंटे तक पहुंच गई और लगने लगा कि यदि यही हाल रहा तो कहीं हालात बेकाबू ना हो जाएं। देश भर की स्थिति को देखते हुए ऑक्सीजन की ज्यादा सप्लाई होना बड़ा मुश्किल था। ऐसे में कलेक्टर अनय द्विवेदी ने ऑक्सीजन की डिमांड, सप्लाई और वेस्टेज का न केवल वैज्ञानिक ढंग से अध्ययन किया बल्कि उपलब्ध ऑक्सीजन से मरीजों का इलाज करने की तरकीब निकाली। कलेक्टर अनय द्विवेदी ने मेडिकल टीम के साथ मिलकर मरीजों की ऑक्सीजन की जरूरत को समझते हुए उन्हें छह अलग कैटेगरी में बांटते हुए चार अलग फ्लोर पर शिफ्ट कर दिया। मरीज की कैटेगरी के हिसाब से उसका फ्लोर भी बदल जाता था। जिन मरीजों को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत थी उन्हें अलग और जिन्हें कम ऑक्सीजन की जरूरत थी उन्हें अलग फ्लोर पर रखा गया। ऑक्सीजन की समुचित खपत के लिए बैस सर्किट सहित अनेक तकनीकी उपाय अपनाए गए। इससे कई मरीजों की ऑक्सीजन खपत 20 से 25 लीटर प्रति मिनट से घटकर 5 से 10 लीटर प्रति मिनट तक आ गई।

ऑक्सीजन की जरूरत और खपत की मरीजवार निगरानी की गई और हर आधे घंटे पर ऑक्सीजन के स्टाफ और खपत का रिपोर्ट कार्ड बनाया गया। मरीजों को योग, ब्रिदींग एक्सरसाइज भी कराई गई जिसका असर भी ऑक्सीजन मैनेजमेंट में देखने को मिला। इसके साथ ही कलेक्टर ने 18 घंटे में मेडिकल कॉलेज में एयर सेपरेशन यूनिट चालू करा दिया। इन सब प्रयासों के चलते सिलेंडर की 80 सिलेंडर प्रति घंटा खपत दो दिन में 20 सिलेंडर प्रति घंटा आ गई। कलेक्टर अननय द्विवेदी ने यह भी पाया कि टैंकर के अंदर 9 इंच हिस्सा उठाने से कुछ और ऑक्सीजन मिल सकता है और जब इस प्रयास को किया गया तो नवजात बच्चों की आईसीयू में तीन दिन का ऑक्सीजन उपलब्ध हो गया। इन सारे प्रयासों का नतीजा यह हुआ कि जो खंडवा जिला मई 2020 में कोरोना मामलों में प्रदेश में चौथे नंबर पर था अब राज्य में 45 वे नंबर पर है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर के इन अभिनव प्रयासों की जमकर तारीफ की है और अन्य जिलों को भी उनके सीखने व अमल करने की सलाह दी है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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