कांग्रेस का राज्यपाल के नाम ज्ञापन, कोरोना महामारी के मद्देनजर रद्द की जाए JEE-NEET परीक्षा

Gaurav Sharma
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खंडवा,सुशील विधानी। JEE-NEET परीक्षा रद्द करवाने और छह माह की फीस माफ करवाने को लेकर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष शहजाद पवार के नेतृत्व में राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन जिला प्रशासन को दिया गया है, जिसमें मांग की गई कि देश में में करोना माहमारी को देखते हुए एग्जाम को रद्द किया जाए।

ज्ञापन नें बताया गया कि कोरोना महामारी फैली हुई है, जिसके चलते आज लाखों लोग पीड़ित है तथा देश की अर्वव्यवस्था पर भी विपरित प्रभाव पड़ा है । इसलिए माहमारी के समय भी केन्द्र की सरकार अपने अडियल रुख के कारण छात्र – छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। केंद्र सरकार JEE-NEET की परीक्षा करवाने की लिये अडी हुई है |

आज पुरे देश के छात्र JEE-NEET की परीक्षा का विरोध कर रहे हैं । पूरे देश व अलग अलग प्रदेशों में आवागमन  पर भिन्न – भिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगे हुये है । इस परिस्थिति में छात्र परीक्षा केन्द्र तक कैसे पहुंचेगा, यदि पहुंच भी गया तो कोरोना संक्रमण का खतरा उन पर बना रहेगा । हम मांग करते हैं कि कोविड -19 वैश्विक माहमारी के चलते JEE-NEET की परीक्षा स्थगित करवायी जाये।

साथ ही हम केन्द्र और राज्य की सरकार से मांग करते हैं कि वो देश के समस्त स्कूलों और कॉलेजों की 6 माह की फीस माफ करें , क्योंकि लॉकडाउन होने के कारण आम जनता का घरेलू बजट गडबडा गया है । कोरोना माहमारी में सबसे ज्यादा प्रभावित आम व्यक्ति हुआ है । अतः माननीय राष्ट्रपति महोदय जी से निवेदन है कि JEE-NEET की परीक्षा स्थगित करवाने की कृपा करें और 6 माह की फीस माफ करवाने हेतु राज्य सरकार व केन्द्र सरकार को आदेशित करें।

कांग्रेस का राज्यपाल के नाम ज्ञापन, कोरोना महामारी के मद्देनजर रद्द की जाए JEE-NEET परीक्षा


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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