खंडवा। सुशील विधानी| वनमंडल खंडवा के अंतर्गत आने वाली रेंज खंडवा में विवादों से हमेशा सुर्खियों में बनाये रखता हैं चाहे वह नियमों को ताक में रखकर काम करने का मामला हो या फिर मजदुरों का या गोंद परिवहन का मामला हो , यहॉ विवादों से आमना सामना बना रहता हैं। ऐसे कई मामले हैं जो विभागीय कार्यशैली को उजागर करता हैं।
नियम विरुद्ध करवाया काम
वनपरिक्षेत्र अंर्तगत विभाग के बड़े अधिकारियों के वरदहस्त के चलते एक चहेते डिप्टी रेंजर से मलाईदार कामों को नियम विरुद्ध करवाया गया हैं । इन डिप्टी रेंजर का हेडक्वार्टर पंधाना होने के बावजूद खंडवा के काम करवाये गए हैं जिसमे रेन्जर क्वार्टर , डीएफओ कार्यालय , डिपो , रेस्ट हाऊस आदि कार्य शामिल है। जबकि इनके अधिकार क्षेत्र से परे यह काम संपादित किया जाना , कई सवालों की ओर इशारा करता हैं ।
गोंद परिवहन मामले में घिरे अधिकारी
विगत दिनों विभाग द्वारा इंदौर ईच्छापुर रोड़ पर गोंद परिवहन करने के चलते पिकअप वाहन को पकड़ा गया था जिसमें 6 टन गोंद पकड़ा गया था लेकिन खंडवा डिपो आते-आते ही माल कम हो गया और जब्ती में 4 टन ही बताया गया। पेंच उस समय फंस गया जब पकड़ी गई गाड़ी में गोंद के इंदौर व्यापारी ने पकड़े गए माल की मात्रा 6 टन बताई। आख़िर 2 टन माल कहाँ गायब हो गया जिसकी आज भी जाँच चल रही हैं ।
व्यापारी द्वारा इस कारनामे की शिकायत मुख्यमंत्री एवं विभाग के बड़े अधिकारियों से तक कर दी गई हैं। मामले की जांच विभागीय स्तर पर चल रही हैं । अब एक नया मामला सामने आया है जिसमे वनविभाग की मिलीभगत से बांस डिपो से बांस बेचे जा रहे हैं जिसकी पहले से ही चर्चा चल रही थीं।