कुख्यात गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप बनने की चाह में नाबालिग लड़कों ने दिया चाकूबाजी की घटना को अंजाम

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khandwa-Attack on Imam and Nimaji : उज्जैन के कुख्यात गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप की तर्ज पर खंडवा में नाबालिग लड़कों ने घटना को अंजाम दिया, नाबालिग लड़कों की इस हरकत से न सिर्फ सनसनी फैल गई, बल्कि साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की नौबत तक आ गई, लेकिन समय रहते पुलिस ने मामला संभाल लिया। दरअसल खंडवा में मस्जिद में नमाज पढ़ाने जा रहे इमाम और नमाजी युवक पर आंख में मिर्ची डालकर चाकू मारने के मामले में खंडवा पुलिस ने जो खुलासा किया है। उसमें यह बात निकलकर सामने आई है। इस मामले में पुलिस ने कुल पांच लोगों को आरोपी बनाया है, जिसमें से चार नाबालिग और एक बालिग आरोपी है। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि शहर में अशांति का माहौल बनाने के लिए इन आरोपियों का उपयोग किया गया था। इन सभी आरोपियों ने उज्जैन के कुख्यात गुंडे दुर्लभ कश्यप की तरह अपना नाम मशहूर करने के लिए चाकूबाजी की वारदात को अंजाम दिया था।

बाल संप्रेक्षण गृह भेजा 

एक दिन पहले खंडवा में हुई इस घटना में पुलिस के हाथ सीसीटीवी फुटेज लगे वही पूछताछ और छानबीन में  के आधार 16 से 17 वर्ष के तीन बाल अपचारी बालको को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की। आरोपियों ने एक अन्य 16 वर्षीय किशोर और आरोपी राजा राठौर के साथ मिलकर इमाम और नमाजी युवक को चाकू मारना कबूल किया है। पूछताछ के डौआरण उन्होंने जो कहानी बताई उसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई। फिलहाल इन तीनों बाल अपचारियों को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया है वहीं, राजा और उसके साथी किशोर की तलाश की जा रही है।

दुर्लभ कश्यप की तरह बनना चाहते थे मशहूर और कुख्यात गुंडा 
पकड़े गए बाल अपचारियों ने पूछताछ में बताया कि वे उज्जैन के मशहूर गुंडे दुर्लभ कश्यप की तरह बनना चाहत थे। जिस तरह से उज्जैन में दुर्लभ का आतंक था ठीक वैसे ही यह नाबालिग भी इस तरह से घटना को अंजाम देकर मशहूर होना चाहते थे।  जिससे की उनका भी बड़ा नाम हो।

कौन था दुर्लभ कश्यप

दुर्लभ कश्यप उज्जैन का कम उम्र का वह गैंगस्टर था जिसने अपनी महज 16 साल की उम्र में ही बड़े बड़ों से दुश्मनी पाल ली थी, दुर्लभ ने सोशल मीडिया पर ही अपनी टीम बना रखी थी, वही बड़ी संख्या में युवा उसे फॉलो करते थे। दुर्लभ कश्यप गैंग किसी कॉरपोरेट कंपनी की तरह काम करता था। गैंग का अपना स्टाइल और ड्रेस कोड था। गैंग के सदस्य माथे पर तिलक, आंखों में सूरमा और कंधे पर काला गमछा रखते थे। गैंग के इसी स्टाइल के यूथ्स और टीनएजर फैन हुए जा रहे थे। लगातार बदमाशी और हत्या के प्रयास मामलों में आरोपी बनाए जाने के बाद जेल में सजा काटकर 2 साल बाद  कोरोना काल के दौरान 2020 में वह रिहा होकर जेल से बाहर आया । वह कुछ दिन इंदौर में रहकर मां के पास उज्जैन लौट आया। जेल से बाहर आकर वह फिर एक्टिव हो गया। उसके दुश्मन भी उसे मारने का पूरा प्लान बना चुके थे। 6 सितंबर 2020 की रात 2 बजे चाकुओं से गोदकर उसकी हत्या कर दी गई थी।


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Harpreet Kaur

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