जलसंकट पर बोले प्रभारी मंत्री, दस दिन दो..फिर देखो, इधर भाजपाई-कांग्रेसी भिड़े

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खंडवा| सुशील विधानी| नर्मदा जल योजना के मुद्दे पर 106 करोड रुपए की नर्मदा जल योजना में हुए भ्रष्टाचार की बात को लेकर जब पूरा शहर त्रस्त है, तब प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा खंडवा के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट का बड़ा बयान सामने आया है। मंत्री सिलावट ने शुक्रवार को खंडवा के कलेक्ट्रेट सभागार में अफसरों के साथ समीक्षा की। इसके बाद खंडवा के समस्त पत्रकारों से चर्चा कर यह बयान दिया कि सिर्फ 10 दिन का समय मुझे दीजिए उसके बाद आप देखिए क्या हो पाता है इसमें|

 उन्होंने यहां कहा कि पानी समय पर मिले, बिजली समय पर मिले, ये मेरी जिम्मेदारी है। सभी अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दे दिए गए हैं। खंडवा के किसी भी मोहल्ले में, किसी भी वार्ड में जलसंकट नहीं होने दिया जाएगा। किसी भी साधन से पानी उपलब्ध कराया जाएगा। प्रभारी मंत्री सिलावट ने कहा कि नर्मदा जल योजना के जांच के आदेश दे दिए गए हैं, शुरू से लेकर अब तक जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी। जांच के साथ ही मैंने थर्ड पार्टी की बात कही है। जिस तरह का अनुबंध था, कोई दिक्कत आ रही थी, कोई अड़चन आ रही थी, मैंने कहा कि विधि से सारा लो और कार्रवाई करो। सख्त निर्देश दे दिए हैं, इसमें कोई समझौता नहीं, क्योंकि नर्मदा से जुड़ा हमारा संबंध है।

10 दिन का समय दो और फिर नतीजा दिखेगा

जब प्रभारी मंत्री से पूछा गया कि शहर अभी जलसंकट से जूझ रहा है, वैकल्पिक तौर पर क्या होगा? तो उन्होंने कहा कि पानी देना प्राथमिकता है, सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर, एसपी, निगम कमिश्नर को कहा है कि योजना को देखें, कहां कमी पाई गई है, इसको सुधारा जाए। 10 दिन का समय दीजिए। इसके बाद नतीजा दिखेगा, कार्रवाई की जाएगी। जिला योजना समिति की बैठक में आ रहा हूं, सारे संबंधित अधिकारी को निर्देश दे चुका हूं, समीक्षा करूंगा।

बीजेपी व कांग्रेस के नेता आपस में भिड़े

इस सबके पहले मंत्री तुलसी सिलावट के सामने शिकायत लेकर पहुंचे भाजपाइयों की यहां मौजूद कांग्रेस पदाधिकारियों, पार्षदों और कार्यकर्ताओं से बहस हो गई। बहस इतनी बढ़ी कि भाजपा के विधायक देवेंद्र वर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष हरीश कोटवाले के सामने ही भाजपाई और कांग्रेसी गुत्थमगुत्था हो गए। ये एक-दूसरे को मारने के लिए खड़े हो गए। खंडवा के सर्किट हाउस में हुए इस वाकये के बीच यहां जो लोग मौजूद थे, उन्होंने इस लड़ाई को खत्म कराने के लिए प्रयास किए। भाजपाइयों और कांग्रेसियों के बीच यह विवाद 106 करोड रुपए की नर्मदा जल योजना में हुए भ्रष्टाचार की बात को लेकर बढ़ा। बता दें की योजना यहां जब स्वीकृत हुई थी, तब भाजपा की परिषद थी और तब से लेकर अब तक भाजपा के पास ही नगर निगम खंडवा की कमान रही है। अब जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है तो भाजपाइयों द्वारा पाइप लाइन डालने में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत पर कांग्रेसियों ने इसी मुद्दे पर तंज कसा। जिसे लेकर बहसबाजी बढ़ गई और मुद्दा मारपीट तक पहुंच गया। और यह कहना गलत नहीं होगा कि भाजपाइयों ने भ्रष्टाचार किया और अब कांग्रेस से कहतेेे हैं समस्या का समाधान आप को करना होगा I

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