खंडवा,सुशील विधाणी। सामाजिक सेवाओं के लिए खंडवा (Khandwa) प्रदेश में अग्रणी माना जाता है। यहां परित्यागी नवजातों को हाथों हाथ लिया जाता है। यह खंडवा का इतिहास रहा है। इसी क्रम में किलकारी (kilkari) संस्था की शुरुआत होते ही एक माह का शिशु संस्था को मिला है। इसके किलकारी में आते ही संस्था में चहल-पहल दिखी। नवजात की किलकारी से पूरा किलकारी गूंज उठा। पदाधिकारी और कर्मचारियों में त्योहार जैसी खुशी दिखी। बलून भी लगाए गए। मिठाइयां भी बांटी गई।
आपको बता दें कि सांसद और विधायक ने हाल ही में इसका शुभारंभ किया था। अभी तक 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों को लाया तो जाता था, लेकिन उन्हें इंदौर या भोपाल भेज दिया जाता था। अब इन बच्चों का लालन-पालन 6 वर्ष की उम्र तक खंडवा के किलकारी में ही होगा। यह सेंटर पूरे निमाड़ को केंद्रित रखते हुए खोला गया है, जिसमें खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर व हरदा जैसे जिले शामिल किए गए हैं। महिला एवं बाल विकास द्वारा मान्यता प्राप्त विशेष दत्तक ग्रहण अभिकरण है।
समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि बहुत जरूरत महसूस होने पर खंडवा में किलकारी शिशुगृह को स्थापित किया गया है, जिसमें आज प्रथम शिशु का आगमन हुआ। पहले इन जिलों में शिशुओं के मिलने पर इंदौर वह भोपाल को भेजा जाता था, लेकिन अब शिशु की देखभाल को लिए खंडवा में इस संस्था द्वारा संचालन किया जाएगा।बाल कल्याण समिति द्वारा शिशु को देखरेख के लिए दिया गया है।
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Amit Sengar
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वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”