निजी स्कूल और शिक्षा विभाग की मिलीभगत से हो रहा है अभिभावकों का शोषण : हिंदू आर्मी स्टूडेंट

खंडवा, सुशील विधाणी। जिले में निजी स्कूलों द्वारा जमकर अभिभावकों का शोषण किया जा रहा है और यह पूरा खेल शिक्षा विभाग के द्वारा संचालित किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ट्यूशन फीस ली जाए लेकिन निजी स्कूलों द्वारा हर निजी स्कूलों ने अपना ही नियम मापदंड बना लिए हैं। साथ ही विद्यार्थियों से फीस का दबाव बना रहे हैं और जिले में निजी स्कूल बड़ा शोषण कर रही है। हिंदू आर्मी स्टूडेंट माधव झा ने बताया कि अभिभावकों का यह आरोप है कि निजी स्कूलों द्वारा जो शोषण किया जा रहा है। उसका हिंदू आर्मी स्टूडेंट द्वारा खुलकर विरोध किया जा रहा है और यह सतत जारी है।

निजी स्कूल और शिक्षा विभाग की मिलीभगत से हो रहा है अभिभावकों का शोषण : हिंदू आर्मी स्टूडेंट


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।