Thu, Dec 25, 2025

विश्व पर्यावरण दिवस पर सहज समागम फाउंडेशन संस्था द्वारा वृक्षारोपण

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
विश्व पर्यावरण दिवस पर सहज समागम फाउंडेशन संस्था द्वारा वृक्षारोपण

खंडवा, सुशील विधानी। सहज समागम फाउंडेशन संस्था द्वारा वृक्षारोपण एवं पौधों का वितरण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस दौरान लोगों को पौधे बांटे गए और पर्यावरण को शुद्ध ऑक्सीजन प्राप्त हो इसके लिए पौधारोपण करने को प्रेरित किया गया।

गुना : औषधीय और प्राकृतिक महत्व के पौधों से विकसित होगा श्री राम संजीवनी उपवन

फाउंडेशन के अध्यक्ष मनोहर सावधानी, हेमंत जोशी उपाध्यक्ष एवं दीपमाला विधानी सचिव द्वारा लोगों को पौधे बांटे गए। कार्यक्रम में एडवोकेट सुरेश गुप्ता ने शहरवासियों से अपील की कि अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और इस पर्यावरण को बचाएं। पेड़ ऑक्सीजन के जरिए मानव जीवन को बचाते हैं। दूसरे यह मिट्टी के क्षरण यानी उसे धूल बनने से रोकते हैं। जमीन से उसे बांधकर रखते हैं। भू जल स्तर को बढ़ाने में सबसे ज्यादा मदद करते हैं। इसके अलावा यह वायु मंडल के तापक्रम को कम करते हैं। पेड़ों से आच्छादित जगह पर दूसरी जगहों की अपेक्षा 3 से 4 डिग्री तक तापमान कम होता है। इसलिए अपने आसपास ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं ताकि मानव जाति को बचाया जा सके। सचिव दीपमाला विधानी ने कहा कि पर्यावरण से हम हैं और हमसे पर्यावरण। जल जंगल जमीन है तो पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत है। पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली जल,जंगल,जमीन तीनो को संरक्षित करने से ही होगी।  लोगों को हमारे पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रेरित करने, पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने और सचेत करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

कोरोना काल में आक्सीजन की कमी ने वृक्षों की याद दिला दी है। अब बड़े पेड़ नीम, पीपल, बरगद लगाने की भी मांग हो रही है। अधिकांश नर्सरी वाले इन पौधों को तैयार करा रहे हैं। पिछले वर्ष लॉकडाउन में हर कारोबार की तरह नर्सरी उद्योग पर भी असर पड़ा था, लेकिन इस साल कोरोना ने लोगों की सांसें कम कर दी तो लोगों को पेड़ पौधों की याद आने लगे हैं। पिछले साल के मुकाबले इस साल अधिक ऑक्सीजन देने वाले पेड़ पौधों की डिमांड बढ़ गई है। हम सबको एक संकल्प लेना चाहिए विश्व पर्यावरण के दिवस के दिन कि हम घर के आंगन में पेड़ अवश्य लगाएंगे और पेड़ काटने नहीं देंगे क्योंकि पेड़ रहेंगे तो हम रहेंगे।