खंडवा| सुशील विधानी| भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर करने वाले खंडवा के आरटीआई कार्यकर्ता जगन्नाथ माने ने आज सुबह 7:00 जहर पीकर मौत को गले लगा लिया । जहर पीने के पश्चात परिजन उन्हें अस्पताल लेकर आए उनके छोटे भाई अंबादास पुत्र पड़ोसियों द्वारा हॉस्पिटल लाया गया जहां कुछ देर के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया । जगन्नाथ माने ने कई मामलों का खुलासा किया था एवं लगातार भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे थे । वहीं पुलिस ने शव के पास से सुसाइड नोट बरामद किया गया। इस सुसाइड नोट में माने ने पूर्व मंत्री सहित पूर्व कलेक्टर और कई लोगों से प्रताडि़त होकर आत्महत्या करने का आरोप लगाया है।
आत्महत्या करने वाले जगन्नाथ माने ने अपने पांच पेज के सुसाइड नोट में पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस, तत्कालीन कलेक्टर अभिषेक सहित शहर के कई रसूखदार लोगों के नाम लिखकर अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। सुसाइड नोट में माने ने एक बीमा कंपनी के प्रबंधक और महिला कर्मचारी पर प्रताडऩा के आरोप लगाए है। उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि उक्त महिला मुझसे से २० लाख उधार ले चुकी है। इसके बाद भी मुझे फंसाने की कोशिश कर रही है। इधर, मामले में जब्त हुए सुसाइड नोट की हेडराइटिंग की जांच पुलिस करा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आरटीआई के माध्यम से कई बड़े मामलों का भांडाफोड़ करनें वाले जगन्नाथ माने अपना घर चलाने के लिए बजाज एलियांज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे | इस दौरान उन पर कई लोगों ने आरटीआई के मार्फत ब्लैकमेल करने के आरोप लगाते हुए उन पर प्रकरण पंजीबद्ध कराया था जिसके चलते कई प्रकरण अलग-अलग थानों में उन पर दर्ज हुए थे और उन्हें कई महीने जेल में रहना पड़ा था | जेल से निकलने के पश्चात उन पर हाल ही में एक और आरोप एक निजी कंपनी की महिला कर्मचारी ने शोषण करने का लगाया था जिसने भी 2 दिन पहले जहर पी लिया था एवं बुरहानपुर रेलवे स्टेशन पर बेहोश अवस्था में वह महिला कर्मचारी मिली थी| जिसने होश में आने के बाद जगन्नाथ माने पर साथ मिलकर काम करने के दौरान लगातार शोषण करने का आरोप लगाया था । इन सभी घटनाओं के बाद वह अपने नजदीकी लोगों से लगातार यह कह रहे थे कि उन्हें साजिश के तहत पुलिस प्रशासन एवं बड़े लोगों द्वारा फंसा कर आरटीआई कार्यकर्ताओं की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। महिला कर्मचारी उनकी मैनेजर थी जो बाजार रिलायंस कंपनी में उनके साथ मिलकर ही इंश्योरेंस कंपनी में एजेंट बतोर काम करते थे | रुका हुआ कमीशन रिनुअल का लेने के लिए महिल��� कर्मचारी एजेंसी मैनेजर से लगातार बात कर रहे थे जिसे एक नया रूप दे दिया गया । मायूसी से घिरे जगन्नाथ माने अपने नजदीकी उनको कहने लगे थे कि इस देश में न्याय व्यवस्था खत्म हो गई है,अब इस देश में भ्रष्टाचारियों और अवैध काम करने वाले लोगों के लिए लड़ाई लड़ने वाले लोगों को जेल की हवा खानी पड़ेगी एवं तरह-तरह के आरोप झेलने पढ़ेंगे । शायद इन सभी आरोपों से हिम्मत हार कर आखिरकार जगन्नाथ मानें ने दम तोड़ दिया और उन्होंने जहर खाकर मौत को गले लगा लिया। जगन्नाथ माने की मौत से आरटीआई कार्यकर्ताओं में रोष है ।
सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि मोबाइल द्वारा व्हाट्सएप से देर रात तक बात की जा रही थी एवं सुबह जहर पीने के बाद बोतल नीचे लाकर हाथ में देकर कहा कि मैंने जहर पी लिया है|