खरगोन,बाबूलाल सारंग। मध्यप्रदेश के खरगोन (Khargone) जिले की बड़वाह तहसील से 10 किलोमीटर दूर ग्राम चिचला से निकल रहे फोरलेन के पास की सामूहिक चरनोई भूमि को गांव के एक व्यक्ति स्वयं की बताकर उसे बेचने की फिराक में था,लेकिन ग्रामवासी की शिकायत के बाद एसडीएम बीएस कलेश के निर्देश पर भूमि पर पंचायत के सचिव द्वारा बोर्ड लगाया गया दिया है। जिसमें लिखा है कि यह जमीन गाँव की चरनोई भूमि है। यह बिकने से प्रतिबंधित है,निर्देश अनुसार एसडीएम बडवाह त्वरित निर्णय लेने पर गाँव के मोहललाल यादव, गोविंद यादव, रमेश सिंह सोलंकी, संजय सोलंकी, शेर सिंह सोलंकी, हुकुम सिंह, अनोक सिंह सहित सहित ग्रामवासियों ने एसडीएम का आभार जताया।
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उन्होंने कहा कि यदि एसडीएम द्वारा तत्परता से कार्रवाई नही होती तो जिम्मेदार व्यक्ति यह भूमि को अच्छे दामो में बेच देता।उल्लेखनीय है कि बुधवार को ग्रामीणों ने एसडीएम,तहसीलदार और पुलिस थाने में शिकायत की थी|ज्ञापन देते हुए ग्रामीणों ने बताया कि गांव के लिए सामूहिक 6 एकड़ जमीन चरनोई के लिए है। जिसके सामने से फोर-लेन निकल रहा है। इसके कारण 6 एकड़ जमीन की लागत करोड़ों तक पहुंच चुकी है।ग्रामीणों ने गांव की सार्वजनिक भूमि को नवल सिंह राजपूत द्वारा ऊँचे दामों में बेचने के प्रयास में लगा है।
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जिसे रक्षक बनाया वही बेचने चला था-ग्रामीणों ने बताया की चरनोई भूमि गवली समाज और राजपूत समाज के सामूहिक स्वामित्व की भूमि है, जिसके व्यस्थापक पंच के रुप में नवल सिंह राजपूत को गवली एवं राजपूत समाज की और से नियुक्त किया गया था। जो पट्टेदार खेडू के रूप में उक्त सामूहिक स्वामित्व की भूमि की देखरेख करता रहा है। इस भूमि पर गांववालों की सहमती से सरकारी स्कूल भवन बना हुआ है। लेकिन कुछ समय पूर्व से जमीनों की कीमतों में वृद्धि होने से व्यवस्थापक पंच नवलसिंह राजपूत की नियत में लालच आने से राजस्व अखिलेखों में गोपनीय रुप से हेराफेरी कर खसरा रिकार्ड में गवली पंचायत का नाम हटाकर भूमिस्वामी के रूप में स्वयं का नाम दर्ज करवा लिया है। वर्तमान में उक्त राजपूत गवली समाज की बहुमूल्य भूमि को बेचने की फिराक में था।