दरअसल बीते दिनों ऊर्जा विभाग ने बिजली कर्मियों को कोरोना योद्धा घोषित करने को लेकर समस्त कंपनी प्रबंध संचालकों को पत्र लिखा था। जिसमें बिजली कर्मियों को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना में सहयोजन के लिए समस्त कंपनी प्रबंधनों से जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। लेकिन इस आदेश से बिजली कर्मियों के संगठन यूनाइटेड फोरम सहित अन्य संगठनों ने सरकार पर छल करने का आरोप लगाया है।
यह भी पढ़ें:-सिंगरौली में बाजार बंद कराने गए पुलिस-प्रशासन पर महिलाओं-बच्चों ने किया हमला, जान बचाकर भागे अधिकारी
यूनाइटेड फोरम संगठन के प्रांतीय सहसचिव प्रदीप कुमार द्विवेदी ने बताया कि यह योजना विगत वर्ष भी बिजली कर्मियों पर लागू थी। लेकिन कार्य के दौरान कोरोना से संक्रमित होकर अपनी जान गवाने वाले अधिकतर कर्मचारियों के परिवारों को आदेशों में स्पष्ट प्रावधान न होने के कारण वंचित कर दिया गया। जिससे उन बिजली कर्मियों के परिवार के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है और वर्तमान में भी सरकार द्वारा, कोरोना काल में सबसे महत्वपूर्ण सेवा देते हुए कोरोना संक्रमण से जान गवाने वाले बिजली कर्मियों के हजारों परिवारों की सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कोई भी स्पष्ट आदेश जारी न कर पुनः गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के मीडिया प्रभारी करण चौहान ने बताया कि अब तक प्रदेश में तकरीबन 500 बिजली कर्मी कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर मौत हो गई है। ढाई हजार से अधिक कर्मचारी अभी संक्रमण की पीड़ा झेलने पर मजबूर हैं और सरकार अभी तक बिजली कर्मियों को कोरोना योद्धा घोषित करना तो दूर, उनका स्पॉट वैक्सीनेशन भी नहीं करवा पाई है।
बड़े आंदोलन की चेतावनी
यूनाइटेड फोरम के संयोजक वीकेएस परिहार ने मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के समस्त संबंधित विभागों एवं बिजली प्रबंधकों को पत्र लिखकर यह मांग की है कि जल्द से जल्द सरकार द्वारा बिजली कर्मियों को मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना का लाभ देने को लेकर स्पष्ट आदेश जारी किए जाएं और आउटसोर्स कर्मचारियों की जायज मांगों पर तत्काल उचित निराकरण किया जाए। साथ ही यह भी कहा कि यदि सरकार जल्द से जल्द इसका निराकरण नहीं करती तो कभी भी 24 घंटे के शॉर्ट नोटिस पर यूनाइटेड फोरम के आह्वान पर संपूर्ण प्रदेश में बड़ा आंदोलन हो सकता है, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन एवं बिजली प्रबंधन की होगी।