Khargone News : मध्यप्रदेश के खरगोन में खेत से 70 भेड़ चोरी होने का मामला सामने आया है। रात के अंधेरे में कुछ अज्ञात लोग भेड़ों को चुराकर ले गए। जिसका पता लगते ही भेड़ पालक पुलिस थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाई। वहीं, मामला दर्ज करने के बाद 8 पुलिसकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। हांलाकी, पुलिस को आशंका है कि जो भेड़ों के चोरी होने की संख्या कम या ज्यादा हो सकती है। आइए जानते हैं पूरा मामला…
बागफल का मामला
दरअसल, मामला खरगोन जिले के बडवाह शहर से चार किमी दुर ग्राम बागफल का है। जहां खेत से रात के अंधेरे में अज्ञात लोग इन भेड़ों को यहां से चुराकर ले गए। सुबह जब भेड़ पालकों की नींद खुली तो देखा कि भेड़े गायब थी। जिसके बाद भेड़ मालिक पुलिस के पास पहुंचे और मामला दर्ज कराया। बता दें पीड़ित बीते 12 साल से इधर घुम रहे हैं। बारिश के समय तक खंड़वा क्षेत्र में रुकने के साथ ही धीरे-धीरे इंदौर की ओर बढ़ रहे थे। इंदौर में कुछ माह रुकने के बाद वापस खंड़वा की ओर चले जाते हैं लेकिन पहली बार उनके साथ इस तरह की घटना हुई है।
350 भेड़ों के साथ आए थे बागफल
वहीं, राजस्थान में जालौर जिले के ग्राम शंकरवाली निवासी हीराराम रेबारी ने बताया कि वे सोमवार को ही सनावद से ग्राम बागफल में अपनी 350 भेड़ों के साथ आए थे। यहां के एक खेत में अपने परिवार के पांच पुरुष एवं चार महिला सदस्यों के साथ ठहरे हुए थे और हम यहां करीब पांच दिन रुकने की योजना बनाई थी। खेत के बीच ही सभी सदस्यों के रुकने का डेरा बनाने के साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से चारों ओर भेड़ों के लिए जाल बनाकर उन्हें उसमें ठहराया था। इसके बावजुद रात के अंधेरे में हमारी तकरीबन 70 भेड़ों को जिनकी कीमत 6 लाख रुपए थी।
जांच में जुटी पुलिस
मामले में थाना प्रभारी जगदीश गोयल अपने पूरे दल-बल के साथ मौके पर पहुंची। चोरी की गई भेड़ों की संख्या ज्यादा होने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही, भेड़ों की कुल कीमत 6 लाख रुपए बताई जा रही है। खेत के कुछ हिस्से की मिट्टी गिली होने के चलते पुलिस ने भेड़ों के पेरों के निशान से भी जांच की है। वहीं, फरियादी ने आशंका जताई कि भेड़ों को पहले पैदल खेत पार करवाया गया। इसके बाद खेत से लगी रेलवे क्रांसिंग के बाद उन्हें किसी वाहन से ले जाया गया। थाना प्रभारी गोयल ने बताया कि भेड़ चराने वाले हीरा की जानकारी के आधार पर हम मामले की जांच कर रहे हैं।
खरगोन से बाबूलाल सारंग की रिपोर्ट