भविष्य की तय हार से बौखला गए हैं नेता प्रतिपक्ष, अतिथि शिक्षक मामले में उदय प्रताप सिंह का पलटवार

Atithi Shikshak News: कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अतिथि शिक्षकों के निकाले जाने को लेकर सरकार से सवाल किया था। जिसके जवाब में मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि आप अपने भविष्य की चिंता करिए।

Atithi Shikshak News : कांग्रेस के कर्मी कल्चर से बाहर निकाल कर प्रदेश की भाजपा सरकार ने शिक्षकों को एक सम्मान जनक स्थान प्रदान किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार सदैव शिक्षकों के सम्मान में उनके साथ खड़ी है। नेता प्रतिपक्ष जी आप अपने भविष्य की चिंता करिए… यह जवाब है मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह का कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को।

उमंग के सवाल

दरअसल यह सवाल जवाब तब शुरू हुए जब उमंग सिंघार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री मोहन यादव को यह लिखा कि आपकी सरकार द्वारा 30 अप्रैल को 75000 अतिथि शिक्षकों को निकाला जा रहा है। इतना ही नहीं सिंघार ने इस फैसले पर रोक लगाने की भी बात कही।

सिंघार ने अपने इस पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी निशाना साधा। इसके अलावा उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि कैसे अतिथि शिक्षकों की ड्यूटी आयोग द्वारा चुनाव में नहीं लगाई गई है और इससे यह साफ स्पष्ट है कि उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है। सिंघार ने सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि कांग्रेस इस जन विरोधी फैसले का विरोध करती है।

उमंग ने अपने इस पोस्ट में मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि आपके आदेश से ना केवल 75000 अतिथि शिक्षकों को नौकरी से निकाला जाएगा बल्कि उनसे जुड़े लगभग 3 लाख लोग भी छत और रोटी के लिए मोहताज हो जाएंगे। उमंग ने तत्काल इस आदेश पर संवेदनशीलता दिखाते हुए निरस्त करने की बात कही थी।

उदयप्रताप सिंह के जवाब

उमंग के इन सवालों और आरोपों का मोहन सरकार के शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने जवाब दिया है। उदय प्रताप सिंह ने अपने पोस्ट में उमंग सिंघार के सवालों का जवाब देते हुए लिखा कि हमारी सरकार सदैव ही शिक्षकों के सम्मान में शिक्षकों के साथ खड़ी है नेता प्रतिपक्ष जी, आप अपने भविष्य की चिंता करिए।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि 30 अप्रैल को हर साल शैक्षणिक सत्र खत्म होता है जिसमें न केवल अतिथि शिक्षकों बल्कि नियमित शिक्षकों को भी ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रदान किया जाता है। स्कूल प्रारंभ होने और नवीन शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही अतिथि शिक्षकों को दोबारा आवश्यकता अनुसार रखा जाता है।

उदय प्रताप ने बताया कि जिस तरह की अनुबंध की घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी वह प्रक्रिया यथावत जारी है। इतना ही नहीं अतिथि शिक्षकों को नियमित किए जाने वाली प्रक्रिया पर भी कार्यवाही प्रचलित है। इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा अलग से पात्रता परीक्षा लेने की बात की घोषणा की गई थी।

उदय प्रताप ने यह भी बताया कि कैसे कर्मी कलर से शिक्षकों को बाहर निकाल कर हमारी सरकार ने उन्हें एक सम्मानजनक स्थान प्रदान किया है। इतना ही नहीं हम मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में न केवल शिक्षकों की बल्कि देश और प्रदेश की चिंता संवेदनशीलता से कर रहे हैं आप अपने भविष्य की चिंता करिए।


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Saumya Srivastava

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पत्रकार बनने का सपना तो स्कूल के समय से ही था। फिर इस सपने को पंख लगाने के लिए मैंने DDU गोरखपुर से पत्रकारिता में स्नातक किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल से डिजिटल जर्नलिज्म में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही सीखने के लिए मैंने अनादि टीवी में इनपुट डेस्क पर काम किया फिर डिजिटल मीडिया में कदम रखते हुए द सूत्र में काम किया फिर एमपी ब्रेकिंग न्यूज से जुड़ी। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की रहने वाली हूं। मैं पॉलिटिकल, क्राइम, हेल्थ, एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल पर खबरें लिखती हूं।

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