MP News: जबलपुर हाई कोर्ट ने मध्यप्रदेश लोक सेवा द्वारा आयोजित राज्य वन सेवा परीक्षा 2023 को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। उम्मीदवारों ने परीक्षा में पूछे गए कुछ सवालों को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें से 2 सवालों को हाई कोर्ट में गलत पाया गया है। इसी के साथ आदेश दिया गया कि राज्य वन सेवा परीक्षा 2023 की मेंस परीक्षा जो कि 30 जून को प्रस्तावित है उसकी प्री मेरिट लिस्ट को फिर से तैयार किया जाए।
सवालों को लेकर दी गई थी चुनौती
दरअसल, दिसंबर 2023 में पीएससी की परीक्षा आयोजित हुई जिसका रिजल्ट जनवरी 2024 में आ गया। वहीं 11 से 16 मार्च तक पीएससी ने मेंस की भी परीक्षा ले ली। कम समय होने की वजह से उम्मीदवारों ने इसे बढ़ाने की बात कही। लेकिन, परीक्षा निर्धारित दिन ही हुआ। जिसके बाद कुछ उम्मीदावरों ने प्री में पूछे गए सवालों को लेकर हाई कोर्ट में आपत्ति लगा दी। जिसके बाद हाई कोर्ट ने 2 सवालों को गलत पाया। उम्मीदवारों की तरफ से केस लड़ रहे अंशुल तिवारी ने बताया कि हाईकोर्ट ने दो सवालों को कंसीडर किया है और पीएससी द्वारा मान्य जवाब को गलत माना है। साथ ही कोर्ट ने इसका लाभ सभी कैंडिडेट्स को देने की बात भी कही है।
हाई कोर्ट ने इन दो सवालों को पाया गलत
जबलपुर हाई कोर्ट ने राज्य वन सेवा में पूछे गए दो सवालों को गलत पाया है। जिसमें से पहला प्रेस की स्वतंत्रता वाले विलियम बैंटिंक का सवाल है वहीं, दूसरा कबड्डी संघ के मुख्यालय से जुड़ा है। इन दोनों सवालों को जबलपुर हाई कोर्ट ने गलत माना है। इसी के साथ हाई कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को बदलते हुए कहा कि दो सवालों का लाभ सिर्फ कोर्ट में आने वाले उम्मीदवारों को ही नहीं बल्कि उन सभी को मिलेगा जिन्होंने इस परीक्षा को दिया था।
उम्मीदवारों को मिलेगा लाभ
हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद उन उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा जो महज दो सवालों के कारण कटऑफ पर अटक गए थे। अब वो इसका लाभ लेने वाली सूची में आ सकते हैं। वहीं जस्टिस ने प्री की मेरिट लिस्ट को संसोधित करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि प्री का रिजल्ट संशोधिक किया जाए और इसी के आधार पर मेन्स भी आयोजित हो।