मध्य प्रदेश दूध उत्पादन में बनेगा नंबर वन! एमपी सरकार का किसानों को तोहफा, नई योजना से चमकेगी पशुपालकों की किस्मत

मध्य प्रदेश सरकार 14 अप्रैल को कामधेनु योजना लॉन्च करेगी, जिससे दूध उत्पादन 9% से बढ़कर 20% होगा। किसानों की कमाई बढ़ाने और गौशालाओं को मज़बूत करने का प्लान है। आखिर कैसे काम करेगी ये स्कीम? जानिए इस खबर की पूरी डिटेल।

मध्य प्रदेश दूध उत्पादन में जल्द ही टॉप पर हो सकता है! कल 14 अप्रैल को सरकार एक नई स्कीम लॉन्च करने जा रही है, जिसका नाम है डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना। मुख्यमंत्री मोहन यादव का दावा है कि ये योजना न सिर्फ दूध की पैदावार बढ़ाएगी, बल्कि गाँवों के किसानों को भी मालामाल करेगी। लेकिन ये सब होगा कैसे? चलिए, जानते हैं।

ये खबर इसलिए खास है, क्योंकि मध्य प्रदेश अभी देश में दूध उत्पादन में तीसरे नंबर पर है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान उससे आगे हैं। यहाँ हर साल करीब 9% दूध देश की जरूरतों में जाता है। सरकार ने अब इसे 20% तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। इंदौर के पास महू में हाल ही में एक नई गौशाला की नींव रखी गई, जो इस मिशन का हिस्सा है। ये योजना डॉ. अंबेडकर की जयंती पर शुरू हो रही है, जो इसे और भी खास बनाता है।

कामधेनु योजना में किसानों के लिए क्या है खास?

डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना का मकसद है पशुपालकों को मज़बूत करना। इसके तहत 25 या उससे ज़्यादा गायें खरीदने वालों को 25% सब्सिडी दी जाएगी। जानकारों का मानना है कि , “ये स्कीम छोटे किसानों के लिए बड़ा मौका है। वो अब ज़्यादा पशु पाल सकेंगे और अपनी आय बढ़ा सकेंगे।” इसके अलावा, गाँवों में दूध संग्रह केंद्र और गौशालाओं को अपग्रेड करने का भी प्लान है।

पशुपालन को मिलेगा कितना बूस्ट?

इस योजना से मध्य प्रदेश का पशुपालन सेक्टर नई ऊँचाइयों को छू सकता है। अभी यहाँ प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 644 ग्राम है, जो देश के औसत 459 ग्राम से कहीं ज़्यादा है। अगर 20% का लक्ष्य पूरा हुआ, तो सांची जैसे स्थानीय ब्रांड्स को देश-विदेश में नया बाज़ार मिलेगा। इंदौर के बिजनेस कोच राहुल सक्सेना का कहना है, “इससे गाँवों में रोज़गार बढ़ेगा, खासकर महिलाओं के लिए, जो डेयरी में बड़ा रोल निभाती हैं।” साथ ही, दूध के दाम स्थिर रहने से आम लोगों को भी फायदा होगा। सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के साथ करार किया है, जो इस सेक्टर को और प्रोफेशनल बनाएगा।

आगे क्या हैं चुनौतियाँ?

हर नई स्कीम के साथ कुछ मुश्किलें भी आती हैं। मध्य प्रदेश में पहले भी सांची ब्रांड को मज़बूत करने की कोशिशें हुईं, लेकिन गाँवों में संसाधनों की कमी ने रास्ता रोका। अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक हुआ, तो मध्य प्रदेश दूध उत्पादन में नंबर वन बनने की राह पर होगा।


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Ronak Namdev

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मैं रौनक नामदेव, एक लेखक जो अपनी कलम से विचारों को साकार करता है। मुझे लगता है कि शब्दों में वो जादू है जो समाज को बदल सकता है, और यही मेरा मकसद है - सही बात को सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना। मैंने अपनी शिक्षा DCA, BCA और MCA मे पुर्ण की है, तो तकनीक मेरा आधार है और लेखन मेरा जुनून हैं । मेरे लिए हर कहानी, हर विचार एक मौका है दुनिया को कुछ नया देने का ।

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