MP News : छात्रों के लिए खुशखबरी, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को डॉक्टर बनने के लिए मिलेगा 5% आरक्षण, आदेश जारी

Amit Sengar
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MP School News : मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए खुशखबरी है। सरकार ने उनके लिए एक बहुत बड़ा फैसला लिया है। सरकारी स्कूलों से पासआउट छात्र-छात्राओं को MBBS और BDS में दाखिले के लिए 5% सीटें रिजर्व की जाएंगी। इसके लिए 6वी से 12 वीं तक नियमित अध्ययन छात्रों के तौर पर पढ़ाई करना जरूरी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो महीने पहले इसकी घोषणा की थी। तकनीकी शिक्षा विभाग ने गुरुवार को इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

बता दें कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि राज्य के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में पांच फीसदी कोटा उन छात्र-छात्राओं को दिया जाएगा, जिन्होंने अपनी शिक्षा सरकारी स्कूल से हासिल की है। वहीं अब प्रदेश के शासकीय और निजी मेडिकल कॉलेजों में सरकारी स्कूलों के बच्चों को 5 फीसदी आरक्षण अगले सत्र से मिलने लगेगा। निर्धारित नियम के मुताबिक शासकीय स्कूल में कक्षा 6वीं से 12वीं तक नियमित अध्ययन कर परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले बच्चे 5 फीसदी आरक्षण प्राप्त करने के पात्र होंगे।

खास बात यह है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा फर्स्ट से 8वीं तक निजी स्कूल में पढ़ने के बाद शासकीय स्कूल में कक्षा 9वीं से 12वीं तक नियमित अध्ययन कर परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र भी आरक्षण कोटा में शामिल होंगे। यह नया प्रावधान तकनीकी शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया है, जिसके लिए उसने मध्य प्रदेश चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम 2018 में बदलाव किया है। नए बदलावों के अनुसार, अब प्रदेश के मेडिकल कालेजों में महिला अभ्यर्थी को 30 और दिव्यांग अभ्यर्थियों को 5 फीसदी आरक्षण सभी पाठ्यक्रामों में मिलेगा। वहीं स्वतंत्रता सेनानी और सैनिक केटेगरी के अभ्यर्थियों को केवल शासकीय मेडिकल कालेज में तीन-तीन फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। सरकारी स्कूल के छात्रों को समस्त शासकीय और निजी मेडिकल कालेज में 5 फीसदी आरक्षण एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में मिलेगा।

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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