मंदसौर, डेस्क रिपोर्ट। मंदसौर (Mandsaur) में 13 सालों के इंतजार के बाद बनकर तैयार हुए मिड इंडिया अंडरब्रिज (Mid India Underbridge) का 7 महीने पहले ही लोकार्पण किया गया था। नागरिकों को अंडर ब्रिज की सौगात तो मिली लेकिन यहां जलभराव की समस्या लोगों के लिए अब सिरदर्द बन चुकी है। लोकार्पण के 7 महीने बाद भी यहां पानी भर जाने की समस्या बनी हुई है। जिससे लगभग 70 हजार लोगों को आवागमन में परेशानी होती है।
साल 2020 में इस अंडर ब्रिज का निर्माण शुरू किया गया था और लगभग 7 करोड़ की लागत से इसे बनाकर तैयार किया गया है। कोरोना के चलते पहले तो निर्माण कार्य बंद हो गया था। इसके बाद वापस शुरू हुआ काम रेलवे से भुगतान न मिलने के चलते बंद कर दिया गया। उसके बाद बारिश का सीजन लग जाने की वजह से लंबे समय तक ब्रिज का काम नहीं हो पाया। जैसे-तैसे अप्रैल में काम पूरा कर अंडरब्रिज का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण के बाद आवागमन शुरू होने के साथ यहां जलभराव की समस्या देखी जाने लगी।
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बारिश के मौसम में नगर पालिका ने मोटरों की सहायता से यहां से पानी की निकासी की, लेकिन समय के साथ परेशानी लगातार बढ़ती गई और अब जलभराव के चलते आए दिन यहां हादसे हो रहे हैं। अक्सर यहां राहगीर फिसल कर चोटिल होते दिखाई दे रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि ब्रिज का हैंडओवर नहीं किया गया है इसलिए नगर पालिका जब भी सुधार का काम शुरू करती है रेलवे द्वारा उसे रुकवा दिया जाता है। जिम्मेदारों का कहना है कि तकनीकी सुधार के बाद ही इस समस्या का निराकरण हो सकेगा।
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बता दें कि अंडरब्रिज के निर्माण के बाद पहले फाटक से निकलने वाले 70 हजार से ज्यादा लोगों को घंटो लगने वाले जाम से राहत मिली है, लेकिन जलभराव की नई परेशानी सामने खड़ी हो गई है। यहां से निकलने वाले राहगीरों का कहना है कि उन्हें अक्सर ही निकलने के दौरान वाहन फिसलने का डर बना रहता है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि वो जलभराव की समस्या को दूर करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।