MCU घोटाला : पूर्व कुलपति सहित 20 प्रोफेसरों की झोली में आई बड़ी राहत, EOW ने दी क्लीन चिट

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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। बहुचर्चित माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय (Makhanlal Chaturvedi University) घोटाले (Scam) में एक नया मोड़ सामने आया है, जहां पूर्व कुलपति बीके कुठियाला सहित सभी प्रोफेसरों को ईओडब्ल्यू (EOW) द्वारा क्लीन चिट (Clean Chit) दे दी गई है। ईओडब्ल्यू ने दर्ज की गई एफआईआर की क्लोजर रिपोर्ट जिला न्यायालय में पेश की, जिसमें बता गया की आरोपियों के विरुद्ध लगाए गए अपराध सिद्ध नहीं हुए हैं।

दरअसल कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) के 15 महीने के कार्यकाल के दौरान पूर्व कुलपति प्रोफेसर बीके कुठियाला (Former Vice Chancellor Professor BK Kuthiala) और अन्य 20 प्रोफेसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज (FIR) की गई थी। ईओडब्ल्यू यानी कि आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (Economic Offences Wing) ने रजिस्ट्रार दीपेंद्र सिंह की जांच रिपोर्ट के आधार पर यह एफ आई आर दर्ज की थी। इस मामले में पूर्व कुलपति बीके कुठियाला से यू डब्ल्यू द्वारा पूछताछ की गई थी परंतु उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। वहीं अब जो क्लोजर रिपोर्ट को डब्ल्यू द्वारा जिला न्यायालय में पेश की गई उसमें सभी आरोपियों पर लगे आरोप सिद्ध नहीं हो सके हैं जिसके चलते सभी को क्लीन चिट मिल गई है


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।